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किसानों में नंदगंज चीनी मिल खुलने की जगी उम्मीद

गाजीपुर : योगी सरकार के तीसरी बजट में क्या मिला, यह जानने के लिए लोग टीवी से चिपके रहें। बजट में बंद पड़े सरकारी चीनी मिलों का संचालन दोबारा शुरू करने के लिए बजट स्वीकृत होने पर जनपदवासियों में काफी हर्ष है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 07 Feb 2019 09:38 PM (IST)Updated: Thu, 07 Feb 2019 09:38 PM (IST)
किसानों में नंदगंज चीनी मिल खुलने की जगी उम्मीद
किसानों में नंदगंज चीनी मिल खुलने की जगी उम्मीद

जासं, गाजीपुर : योगी सरकार के तीसरे बजट में क्या मिला, यह जानने के लिए लोग टीवी से चिपके रहे। बंद सरकारी चीनी मिलों को दोबारा शुरू करने के लिए बजट स्वीकृत होने पर जनपदवासियों में काफी हर्ष है। इससे नंदगंज स्थित बंद चीनी मिल के दोबारा शुरू होने की उम्मीद जगी है। सन 1997 को नंदगंज चीनी मिल बंद हुई थी। इससे एक साथ हजारों लोग बेरोजगार हो गए वहीं जिले में गन्ने की खेती भी कम हो गई। अगर यह मिल दोबारा शुरू होती है तो इससे न सिर्फ किसानों को फायदा होगा बल्कि सैकड़ों लोगों को रोजगार भी मिलेगा।

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प्रधानाचार्य उदय राज ने कहा कि नंदगंज सिहोरी चीनी मिल खुलने की खबर सुनते ही मन गदगद हो गया। चीनी मिल खुल जाने से लोगों को रोजगार मिलेगा और किसानों की गरीबी दूर हो सकेगी। इसके लिए प्रदेश सरकार को बधाई।

लक्ष्मनपुर के श्लोक ¨सह ने कहा कि नंदगंज चीनी मिल पुन: खुलने की खबर हम किसानों के लिए अच्छी है। किसान गन्ना की बोआई फिर से शुरू करेंगें और अपनी आर्थिक स्थिति समृद्ध करेंगे। किसानों के दिन फिर से बहुरेंगे।

रामपुर बंतरा के विशेश्वर ¨बद ने कहा कि बंद चीनी मिल को पुन: चालू करने की खबर से पूरे गांव में खुशी की लहर दौड़ गई है। इससे हमारे गांव के किसानों तथा नवयुवकों को रोजगार भी मिलेगा।

बरहपुर के विजय कुमार सब्लू ने कहा कि क्षेत्र के लिए एक पुनीत कार्य होगा। इससे पूरे पूर्वी क्षेत्र के किसानों व बेरोजगारों को भी लाभ होगा। इस खबर से पूरे क्षेत्र में हर्ष है। सत्ता पक्ष ने सराहा, विपक्षियों ने उठाए सवाल : प्रदेश सरकार के तीसरे बजट को भाजपा ने अब तक का ऐतिहासिक बजट बताया। कहा कि मुख्यमंत्री ने बेरोजगारों, किसानों व महिलाओं का विशेष ध्यान रखा है, जो काफी सराहनीय है। वहीं सपा, बसपा व कांग्रेस ने बजट को जुमला बताया। कहा कि इसमें बेरोजगारों, किसानों के लिए कुछ नहीं किया गया है।

भाजपा जिलाध्यक्ष भानु प्रताप ¨सह ने कहा कि यह अब तक का सर्वाधिक ऐतिहासिक बजट है। मुख्यमंत्री ने अपने बजट में युवा, बेरोजगारों, किसानों सहित महिलाओं का विशेष ध्यान दिया है। बालिकाओं के लिए कन्या सुमंगला योजना शुरू की है, जो काफी कारगर साबित होगा। वहीं शिक्षा को उच्च स्तर पर पहुंचाने वाला यह बजट है।

कांग्रेस जिलाध्यक्ष डा. मारकंडेय ¨सह ने कहा कि इस बजट से लोगों को काफी उम्मीदें थीं, उस पर पानी फिर गया। गाजीपुर के लिए कुछ नहीं किया गया। यहां विकास की बड़ी-बड़ी बातें की जाती हैं, लेकिन जमीन पर कुछ नहीं दिख रहा है। यह बजट किसान विरोधी, जनविरोधी और गाजीपुर विरोधी है।

सपा जिलाध्यक्ष डा. नन्हकू यादव ने कहा कि केंद्र सरकार की तरह प्रदेश सरकार का बजट भी जुमला साबित हुआ। बेरोजगारी कैसे खत्म हो उसके लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं है। किसानों व सोलर एनर्जी के लिए भी कोई बजट नहीं है। किसानों का गन्ना सूख रहा है। उद्योगपतियों से मिलकर सरकार चीनी बाहर से मंगा रही। शिक्षा स्वास्थ्य के लिए सरकार ने कुछ नहीं किया।

बसपा जिलाध्यक्ष कमलेश गौतम ने कहा कि जुमलों की कड़ी में यह भी शामिल हो गया है। आगामी चुनाव को देखते हुए कुछ घोषणाएं तो की गई हैं, लेकिन बार की तरह यह भी सिर्फ घोषणा ही बनकर रह जाएगा। बेरोजगारी चरम सीमा है। बजट में कुछ ऐसा नहीं किया गया है, जिससे यह समस्या दूर हो सके।


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