गरीबों का भी कर्ज माफ करे सरकार
जागरण संवाददाता गाजीपुर अखिल भारतीय खेग्रामस और भाकपा माले के कार्यकर्ताओं ने निजीकरण
जागरण संवाददाता, गाजीपुर : अखिल भारतीय खेग्रामस और भाकपा माले के कार्यकर्ताओं ने निजीकरण सहित अन्य सरकारी फैसले के विरोध में मंगलवार को तुलसीसागर कार्यालय से मार्च निकाला। लेकिन इसे पुलिस ने चर्च कंपाउंड के पास रोक लिया। इसके बाद कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति को संबोधित पत्रक तहसीलदार को सौंपा। पत्रक में पूंजीपतियों की तरह गरीबों, किसानों व मजदूरों का कर्ज माफ करने, रोजगार देने, बिजली व रेलवे सहित अन्य उपक्रमों का निजीकरण न करने और गरीब को हर महीने दस हजार लॉकडाउन भत्ता देने की मांग शामिल थी। प्रतिवाद सभा में खेस ग्राम मजदूर सभा के जिलाध्यक्ष नंदकिशोर बिद ने कहा कि हर साल दो करोड़ रोजगार, मनरेगा में सौ दिन का काम कहां है? मोदी व योगी सरकार को बताना होगा गरीबों को औसतन दस दिन का भी काम नहीं मिला है। एक जून गरीबों के घर में चूल्हा जल रहा है? तो दो जून उपवास हो रहा है। मोदी सरकार द्वारा दिया हुआ पांच किलो राशन तो कोटेदार खा जा रहे हैं। सरकार अगर भुखमरी से बचाना चाहती है? तो दो सौ दिन का गांवों में काम दे, नहीं तो बेरोजगारी भत्ता दे। अगर हमारी मांग पूरी नहीं होगी तो 15 दिन बाद गरीब डीएम आवास का घेराव करेंगे। जिला सचिव राजेश वनवासी ने कहा कि देश से सरकारी पदों को खत्म कर रही है? सरकारी उपक्रमों का निजीकरण कर रही है। इसे बंद किया जाए। प्रतिवाद सभा को राम प्यारे राम, सरोज यादव, मंजू गोड़, रामप्रवेश कुशवाहा, बेचू वनवासी, मोती प्रधान व अमरनाथ ने संबोधित किया। अध्यक्षता मुराली वनवासी व संचालन योगेंद्र भारती ने किया।