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अधिक पैदावार के लिए अच्छी प्रजाति जरूरी

गाजीपुर : दैनिक जागरण के प्रश्न प्रहर कार्यक्रम में गुरुवार को पाठकों से पीजी कालेज स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डा.दिनेश ¨सह मुखातिब थे। उन्होंने किसानों से गेहूं की बोआई संबंधित काफी जानकारियां दी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 05:14 PM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 05:14 PM (IST)
अधिक पैदावार के लिए अच्छी प्रजाति जरूरी
अधिक पैदावार के लिए अच्छी प्रजाति जरूरी

जागरण संवाददाता, गाजीपुर : दैनिक जागरण के प्रश्नप्रहर कार्यक्रम में गुरुवार को पाठकों से पीजी कालेज स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डा. दिनेश ¨सह मुखातिब थे। उन्होंने किसानों से गेहूं की बोआई संबंधित काफी जानकारियां दी। बताया कि बेहतर पैदावार के लिए लिए पुरानी किस्म के बीजों से परहेज करते हुए नई और अच्छी प्रजाति के बीजों का इस्तेमाल करना होगा। इसके लिए एचडी-2967, एचडी-3086 आदि प्रजाति काफी बेहतर है। इससे प्रति हेक्टेयर 50 से 55 ¨क्वटल पैदावार होगी, लेकिन बोआई से पहले बीजों का शोधन बहुत जरूरी है। बीजों का उपचार एफआइआर (फंजीसाइड, इंसेक्टिसाइड एवं राइजोबियम) सिस्टम से करना बेहतर होता है। इस मौके पर उन्होंने खेत की तैयारी संबंधित जानकारी भी दी। बताया कि बोआई से पहले मिट्टी की जांच जरूरी कराएं ताकि मिट्टी के सभी तत्वों की जांच हो जाएगा और उसी हिसाब से किसान उर्वरक का इस्तेमाल करें। इस दौरान उन्होंने गेहूं के साथ आलू एवं चना की बोआई की भी जानकारी दी। बताया कि आलू के लिए कुफरी अशोका, कुफरी लालिमा एवं कुफरी ¨सदूरी काफी बेहतर है इससे पैदावार का प्रतिशत बढ़ जाता है। उन्होंने शुगर फ्री आलू कहे जाने वाले कुफरी चिप्सोना के बारे में विस्तार से बताया। कहा कि इसकी पैदावार भी अच्छी होती है और यह मधुमेह के रोगियों के लिए काफी बेहतर भी होता है। ---

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सवाल : गेहूं की बोआई के लिए कौन सी प्रजाति का उपयोग बेहतर होगा।

जवाब : अव्वल तो गेहूं की अच्छी पैदावार के लिए पुराने बीजों को छोड़ना होगा। इसके लिए पीवीडब्ल्यू-725 एवं 721 के अलावा एचडी-2967 व एचडी- 3086 के प्रजाति का उपयोग काफी बेहतर होगा। इसमें रोग लगने की आशंका भी कम और पैदावार अधिक होती है।

सवाल : बंगाल से कद्दू का बीज लाए लेकिन उसमें पैदा होने वाला फल काफी कड़वा हो रहा है। इसका निदान क्या है।

जवाब : प्रजाति ठीक नहीं है। इसका उपचार नहीं हो सकता है। बीज हमेशा ही अच्छे संस्थान से लेना चाहिए।

सवाल : पपीता के पौधों में रोग लग गया है, इसकी पत्तियां सिकुड़ गई हैं। क्या करें।

जवाब : बीज हमेशा ही अच्छे संस्थान और अच्छी प्रजाति से लेनी चाहिए। कुछ नर्सरियां अधिक मुनाफा कमाने के चक्कर में घटिया किस्म के पौधों की बिक्री करते हैं।

सवाल : टमाटर के पौधों में कीड़े लग रहे हैं। इसका उपाय बताएं।

जवाब : उत्तम किस्म की कीटनाशक दो मिलीग्राम दवा प्रति लीटर पानी में मिलाकर इसका छिड़काव टमाटर के पौधों पर करवाएं। कीड़े मर जाएंगे।

सवाल : चना में उकठा रोग लग रहा है। उपचार बताएं।

जवाब : पैदावार को रोग से बचाने के लिए बोआई के दौरान फसल चक्र जरूरी है। इसे अलावा उत्तम प्रजाति के बीजों का चुनाव जरूरी है। साथ ही बोआई से पहले उनका शोधन जरूर करें।

सवाल : मटर की बोआई की है। खेत में घास काफी उग आई है।

जवाब : निराई-गुड़ाई करें। इसके अलावा इसकी कोई दवा नहीं आती है।

सवाल : अमरूद के फल पर कीड़े लग जाते हैं। इसका निदान बताएं।

जवाब : इसके लिए जब फल लगते हैं तो कीटनाश का छिड़काव करें, इससे कीड़ें नहीं लगेंगे।

सवाल : आम के पौधों पर दीमक लग रहे हैं क्या करें।

जवाब : इसमें क्लोरोपाइरोफास डालिए इससे निजात मिल जाएगी।

सवाल : गुडहल के पौधे में कीड़े लग रहे हैं।

जवाब : पौधों की डालियों पर जहां-जहां कीडे लगे हैं वहां मोनोक्रोटाफास दवा का डिड़काव करें, कीड़े मर जाएंगे।

सवाल : बाग लगवाना चाहते हैं। उचित राय दें।

जवाब : इसके लिए वन विभाग से संपर्क करें वहां से पौधे भी मिल जाएंगे । साथ ही वे इसे लगाने के तरीकों से भी अवगत कराएंगे। -------

इन्होंने किए सवाल ..

- शंकर ¨सह कुशवाहा नोनहरा, जगदीश बकसा, कैलाशनाथ श्रीवास्तव गुलाल सराय, संजय मौर्य धनौसा, दयाशंकर खरडीहा, बृजेश कुमार गदाईपुर, एके सिन्हा रौजा, दीपक स्वर्णकार करीमुद्दीनपुर, दीनू सिन्हा रौजा, शमलाल कुशवाहा उचौरी।


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