देश के पहले रेल वैगन टावर मेंटिनेंस फैक्ट्री का शिलान्यास आज
गाजीपुर : रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा आज जिले को दो बड़ी सौगात देंगे। दुल्लहपुर में बनने वाले देश के पहले रेलवे वैगन टावर मेंटिनेंस फैक्ट्री का शिलान्यास करेंगे
जासं, गाजीपुर : रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा आज जिले को दो बड़ी सौगात देंगे। दुल्लहपुर में प्रस्तावित देश के पहले रेलवे वैगन टावर मेंटिनेंस फैक्ट्री का वह शिलान्यास और 130 करोड़ की लागत से औड़िहार में बने पूर्वांचल के इकलौते डेमू शेड का लोकार्पण करेंगे। दोनों प्रोजेक्ट जनपद ही नहीं, बल्कि पूरे पूर्वांचल के लिए लाभकारी साबित होंगे। पूर्वोत्तर रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि रेल वैगन टावर मेंटिनेंस फैक्ट्री के शिलान्यास कार्यक्रम की तैयारी पूरी कर ली गई है। कार्यक्रम का आयोजन रेलवे स्टेशन से पूरब तरफ रेलवे मैदान में किया जाएगा।
पांच से छह हजार लोगों को मिलेगा रोजगार : सैदपुर : औड़िहार में डेमू शेड (16 कोच डेमू) बनकर तैयार हो गया है। 13.26 एकड़ में बने इस शेड को करीब 130 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। इसे इकलौता इसलिए कह सकते हैं कि पूर्वोत्तर रेलवे के पास इसके पहले मात्र एक ही डेमू शेड इज्जतनगर में है लेकिन वह काफी छोटा है। अब इस शेड के बनने से करीब 700 लोगों को प्रत्यक्ष व पांच से छह हजार लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। सोमवार को अधिकारी पूरे दिन तैयारी में लगे रहे। रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा के प्रयास से सितंबर 2016 में इस कार्य को मंजूरी मिली थी। नौ अक्टूबर को 16 को औड़िहार आकर मंत्री ने इसकी आधारशिला रखी थी। उस समय मंत्री ने भरोसा दिया था कि मार्च 2019 तक यह बनकर तैयार हो जाएगा। आरवीएनएल के सीपीएम विकास चंद्रा ने बताया कि सारा सामान एकत्र करने के बाद मई 2017 से डेमू शेड निर्माण का कार्य शुरू हुआ तो निर्बाध गति से चला। जानकारी दी कि इस शेड में 16 कोच डेमू रैक के हो¨मग व रखरखाव किया जाएगा। शेड को जौनपुर रेलवे लाइन से कनेक्ट किया गया है जिसकी दूरी करीब एक किमी है। जौनपुर रेलवे लाइन से होकर ट्रेनें शेड के अंदर आएंगी। शेड में थ्री-टायर मेंटीनेंस की सुविधा उपलब्ध है। ट्रेन के नीचे, बगल व ऊपर से ट्रेन की सफाई, मरम्मत आदि का कार्य किया जा सकता है। शेड परिसर के अंदर ट्रैक की लंबाई 2.78 किमी है। थ्री टायर अनुरक्षण की सुविधा के लिए 5500 स्क्वायर मीटर लाइट रिपेयर शेड है। शेड परिसर में प्रशासनिक भवन, विद्युत सब स्टेशन, सुरक्षा ब्लाक कक्ष, टायलेट भी बना है। उन्होंने कहा कि शेड का उद्धाटन होने के बाद हम हैंडओवर कर देंगे और कार्य शुरू हो जाएगा। इसके बनने से ट्रेनों की संख्या बढ़ेगी और यात्रियों को साफ-सुथरी कोच मिलेगी।
----------- - सोलर से मिलेगी रोशनी : 440 केडब्ल्यूपी शेड की छत वाली सौर उर्जा संयत्र द्वारा उर्जा उत्पादन किया जाएगा। यह भी बनकर तैयार हो जाएगा। इससे बिजली की खपत कम होगी और सौर उर्जा के माध्यम से काम हो जाएगा।
- 11 केवीए का विद्युत उपकेंद्र : 11 केवीए विद्युत आपूर्ति के लिए विद्युत उपकेंद्र की स्थापना की गई है। साथ ही 500 केवीए का जेनरेटर भी लगाया गया है। इससे बिजली न रहने पर बैकअप मिलेगा।
- पाली कार्बोनेट शी¨टग: शेड के ऊपर पाली कार्बोनेट शी¨टग की गई है। इससे दिन में पर्याप्त रोशनी मिलेगी। दिन में लाइट वगैरह नहीं जलाना पड़ेगा।
- वाटर रिसाईकि¨लग प्लांट: डेमू शेड के पूरब में अंतिम छोर पर वाटर रिसाइकि¨लग प्लांट भी लगाया गया है। कोचों की धुलाई के बाद जो गंदा पानी निकलेगा वह अंडरग्राउंड पाइप के माध्यम से इस प्लांट में पहुंच जाएगा। यहां गंदे पानी को रिसाइकि¨लग कर पुन धुलाई आदि में उपयोग किया जाएगा। पानी की टंकी भी बनाई गई है।
- 101 कर्मचारियों के लिए आवास: कर्मचारियों के लिए शेड के दक्षिण तरफ 101 आवास बनाया गया है। उनको बिजली की सुविधा के लिए इसी विद्युत उपकेंद्र से जोड़ा जाएगा।