चार कोटेदारों पर एफआइआर, पांच दुकानें निलंबित
गाजीपुर खाद्यान व मिट्टी तेल को पात्रों में वितरित करने के बजाय ई-पॉस मशीन में उसे खारिज कर कालाबाजारी करने वाले चार कोटेदारों ने एफआइआर दर्ज करने के साथ ही पांच कोटे की दुकान को निलंबित कर दिया गया है।
जासं, गाजीपुर : खाद्यान व केरोसिन को पात्रों में वितरित करने के बजाय ई-पॉस मशीन में उसे खारिज कर कालाबाजारी करने वाले चार कोटेदारों पर एफआइआर दर्ज करने के साथ ही पांच कोटे की दुकान को निलंबित कर दिया गया है। जिलाधिकारी के आदेश पर जिला पूर्ति अधिकारी द्वारा की गई इस कार्रवाई से अन्य कोटेदारों में खलबली मची हुई है।
उक्त कोटेदारों द्वारा खाद्यान वितरण में धांधली किए जाने की शिकायत मिलने पर डीएसओ कुमार निर्मेलेंदु ने संबंधित क्षेत्र के आपूर्ति निरीक्षकों को जांच का निर्देश दिया था। इसमें पाया गया कि भांवरकोल ब्लाक के तरका गांव के उचित दर विक्रेता बब्बन राय द्वारा प्राक्सी के माध्यम से कुल 76 में अंत्योदय के 18 व पात्र गृहस्थी के 58 कार्डधारकों का खाद्यान ई-पॉस मशीन में खारिज कर दिया गया है। इनके स्टाक में 61.75 क्विटल गेंहू व 21.31 क्विटल चावल अधिक पाया गया। इसी प्रकार बाराचवर विकास खंड के कमसड़ी गांव के कोटेदार विक्रम प्रसाद गुप्ता द्वारा 78 कार्डधारकों को खाद्यान व मिट्टी तेल का वितरण नहीं किया गया और ई-पॉस मशीन में इसे खारिज कर दिया गया। मरदह ब्लाक स्थित हैदरगंज के कोटेदार गोरखनाथ ने 95 का खाद्यान व केरोसिन दोनों एवं 26 कार्डधारकों का केरोसिन खारिज कर दिया, परंतु उसे वितरित नहीं किया। सत्यापन में इनके स्टाक में 13.77 क्विटल गेंहू व 20.07 क्विटल चावल कम मिला। कासिमाबाद ब्लाक स्थित रामगढ़ के कोटेदार प्रकाश चंद्र जायसवाल ने 50 कार्डधारकों का खाद्यान्न खारिज कर वितरण नहीं किया था। इनके यहां लगभग 17.50 क्विटल गेंहू व 16 क्विटल चावल अधिक मिला। आरोपी कोटेदार गरीबों के आवंटित खाद्यान्न की कालाबाजारी करने की नीयत से यह गड़बड़ी कर रहे थे। इनके ऊपर एफआइआर दर्ज कर अनुबंध पत्र निलंबित कर दिया गया। वहीं जमानियां के महली गांव की उचित दर विक्रेता चंद्रकाली द्वारा वितरण में अनिमितता मिलने पर उनकी दुकान को निलंबित कर दिया गया।
-------- : उक्त कोटेदारों के खिलाफ मिली शिकायतों पर पूर्ति निरीक्षकों द्वारा जांच कराई गई। जांच आख्या व जिलाधिकारी के निर्देश पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत इन सभी के खिलाफ कार्रवाई की गई।
- कुमार निर्मलेंदु, डीएसओ।