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हरी खाद से खेती की मिट्टी उपजाऊ बनाएं किसान

गाजीपुर मृदा में पोषक तत्वों की उपलब्धता बढ़ाने व मृदा स्वास्थ्य सुधारने के लिए हरी खाद का उ

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Jan 2022 05:38 PM (IST)Updated: Tue, 25 Jan 2022 06:47 PM (IST)
हरी खाद से खेती की मिट्टी उपजाऊ बनाएं किसान
हरी खाद से खेती की मिट्टी उपजाऊ बनाएं किसान

गाजीपुर : मृदा में पोषक तत्वों की उपलब्धता बढ़ाने व मृदा स्वास्थ्य सुधारने के लिए हरी खाद का उपयोग सबसे बेहतर माना जाता है। जिले में इसको बढ़ावा देने के लिए ढैंचा की खेती पर जोर दिया जाता है। रासायनिक उर्वरकों से कई गुना अधिक मिट्टी में उत्पादन क्षमता हरी खाद बढ़ाती है। यह कहना है कृषि विज्ञान केंद्र पीजी कालेज के हेड व कृषि विज्ञानी डा. वीके सिंह का। वह मंगलवार को दैनिक जागरण के प्रश्न पहर में किसानों के सवालों के जवाब दे रहे थे।

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बताया कि पहले की तुलना में अब हर किसी के घर पर पशु नहीं होने से गोबर की उपलब्धता घटी है। जिस कारण खेतों के लिए गोबर की खाद पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाती है। खेतों में पोषक तत्वों की कमी हो रही है। मृदा का स्वस्थ खराब हो रहा है। मृदा के सुपोषण एवं संरक्षण की आवश्यकता है। कुछ ऐसे आए प्रश्न..

प्रश्न : गेहूं के खेत में खर-पतवारनाशी दवा का छिड़काव करने के बाद भी घास जल नहीं रही है, क्या करें?

उत्तर : टोटल नाम की दवा का छिड़काव करें 2-3 एमएल प्रतिलीटर पानी के हिसाब से, लेकिन धूप निकलने पर।

प्रश्न : खर-पतवार नियंत्रण का प्राकृतिक उपाय क्या है?

उत्तर : खर-पतवार नियंत्रण के लिए गेहूं की कटाई हो जाने के बाद गर्मी में खेत की गहरी जोताई कर दें। इसके बाद उसे पालीथिन से ढक दें।

प्रश्न : सरसों की फसल के माहू से कैसे बचाएं?

उत्तर : सरसों की फसल को माहू से बचाने के लिए उस पर केवल पानी से स्प्रे करें। माहू कीट एक बार पौधे से नीचे गिर जाएगा तो फिर ऊपर नहीं चढ़ पाएगा।

प्रश्न : आलू की फसल को पछेती झुलसा रोग से बचाने के लिए क्या करना होगा?

उत्तर : पछेती झुलसा से बचाने के लिए आलू की हल्की सिचाई करते रहें। इसके बाद रेडोमिल दवा दो ग्राम प्रति लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें।

प्रश्न : बिन्स स्वास्थ्य के लिए कितना लाभदायक है और इसकी बोआई कब होती है?

उत्तर : बिन्स में प्रोटीन खूब पाया जाता है। इसकी बोआई फरवरी में की जा सकती है।

प्रश्न : सब्जी की अच्छी प्रजाति के बीज कहां मिलेंगे?

उत्तर : भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान वाराणसी में सबसे अच्छे बीज मिलते हैं।

प्रश्न : फसलों को पीला मोजैक रोग से कैसे छुटकारा मिलेगा?

उत्तर : पीले मोजैक रोग पर बावस्टीन नाम की दवा काम करेगी।

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इन्होंने किया फोन

सतीश पांडेय कठार, सर्वजीत सिंह मुहम्मदाबाद, सदानंद दुबे सब्बलपुर, अवधेश सैदपुर, राजेश यादव देवकठियां, राकेश कुमार रेवतीपुर, उमेश यादव कासिमाबाद, मुराहू राजभर जहूराबाद, रत्नेश दुबे जखनियां, जीऊत-अंधऊ।


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