विद्युत प्रशासन ने मानी मीटर रीडरों की मांगें
मीटर रीडरों की तीन सूत्रीय मांगों के आगे आखिरकार विद्युत विभाग को झुकना पड़ा। मांगों को मानने पर उनका धरना-प्रदर्शन समाप्त हो गया।
जागरण संवाददाता, गाजीपुर : मीटर रीडरों की तीन सूत्रीय मांगों के आगे आखिरकार विद्युत विभाग को झुकना पड़ा। मांगों को मानने पर उनका धरना-प्रदर्शन समाप्त हो गया। प्रदेश के अतिरिक्त प्रांतीय महामंत्री विद्युत मजदूर उत्तर प्रदेश निर्भय सिंह के निर्देशन पर शनिवार को जिले के समस्त मीटर रीडरों ने आमघाट गांधी पार्क में अपनी मांगों को लेकर धरना दिया। इस मौके पर राजस्व वसूली विद्युत विभाग की पूरी तरह ठप रही।
मीटर रीडर संघ के जिलाध्यक्ष विनय तिवारी ने आरोप लगाया कि जिले में बिलिग करवाने का ठेका जिस कंपनी को दिया गया है उसने अभी तक न्यूनतम मजदूरी तय नहीं की है। पुराने रीडरों को बिना कारण वश हटाकर न्यू रीडरों की भर्ती की जा रही है। रीडरों के आक्रोश को देखते हुए वार्ता के लिए अधीक्षण अभियंता के निर्देश पर अधिशासी अभियंता द्वितीय आदित्य पांडेय आए। बताया कि कंपनी के जनरल मैनेजर मनोज त्रिपाठी से टेलीफोन पर वार्ता हुई। इसमें उन्होंने आश्वस्त करते हुए बताया कि सर्किल मैनेजर को हटा दिया गया है। इनकी जगह पर नितिन सिंह को जिले में भेज दिया गया है। इतना ही नहीं सभी रीडरों की न्यूनतम मजदूरी 10568 रुपये कंपनी द्वारा तय है। वहीं जितने भी पुराने रीडरों की आइडी बंद हैं उन लोगों की सोमवार तक आइडी रिलीज कर दी जाएगी एवं बिलिग टारगेट 1500 रूलर में व 1800 अर्बन में तय कर दी गई है। बाकी जो भी मुद्दे बचे हैं उसको भी एक हफ्ते के अंदर में सब सुलझा दिया जाएगा। इन सब मुद्दों पर सहमति बनने के बाद सभी मीटर रीडर अपने अपने काम पर लौट गए। धरने में मुख्य रूप से मरदह सुपरवाइजर शशिकांत भारती, वकील यादव, अश्विनी सिंह, अरविद राम, तेजस्व राज, सत्यपाल सिंह, राकेश चौबे, मुकेश दुबे, सुजीत उपाध्याय आदि थे।