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नीचे खिसका भूमिगत जलस्तर, परेशानी गहराने के संकेत

स्थानीय ब्लाक क्षेत्र के दर्जनों गांवों में पिछले दो महीने में पानी का जलस्तर नीचे खिसक जाने से इन ग्रामीण अंचलों में पेयजल सहित खेती बारी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। लोगों को समझ में नहीं आ रहा है कि क्या करें। क्षेत्र के उदंती नदी से सटे टांडा, बैरख, अकबरपुर, आसपुर हरतरा, मुबारकपुर हरतरा, डिहवां, इब्राहिमपुर, लारपुर सहित आदि ग्रामपंचायतों के दर्जनों मौजों में पानी की स्थिति भयावह हो गई है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 Jan 2019 05:48 PM (IST)Updated: Wed, 02 Jan 2019 10:37 PM (IST)
नीचे खिसका भूमिगत जलस्तर, परेशानी गहराने के संकेत
नीचे खिसका भूमिगत जलस्तर, परेशानी गहराने के संकेत

जासं, सादात (गाजीपुर) : स्थानीय ब्लाक क्षेत्र के दर्जनों गांवों में पिछले दो महीने में पानी का जलस्तर नीचे खिसक जाने से इन ग्रामीण अंचलों में पेयजल सहित खेती बारी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। लोगों को समझ में नहीं आ रहा है कि क्या करें। क्षेत्र के उदंती नदी से सटे टांडा, बैरख, अकबरपुर, आसपुर हरतरा, मुबारकपुर हरतरा, डिहवां, इब्राहिमपुर, लारपुर सहित आदि ग्राम पंचायतों के दर्जनों मौजों में पानी की स्थिति भयावह हो गई है। हालत यह है कि पानी के लिए लोगों को दर-दर भटकना पड़ रहा है। इन ग्राम पंचायतों में जहां साधारण हैंडपंप पानी छोड़ चुके है। वहीं ट्यूबवेल भी अगर आधे-एक घंटे चलने के बाद स्वत: बंद हो जा रहे हैं। पहले जहां 60-65 फीट पर पानी का जलस्तर मिल जाता था। अब 100 फीट से ऊपर बो¨रग होने के बावजूद साफ पानी नहीं मिल पा रहा है। खारे पानी की समस्या तो इन ग्राम पंचायतों में आम बात है। अगर पानी पीना है तो हैंडपंप चलाकर 10 मिनट तक पानी को स्थिर रखने के बाद ही वह पानी पीने योग्य होता है। वह पानी भी धीरे-धीरे मटमैला होने लगता है। ग्राम आसपुर हरतरा के अखिलेश विश्वकर्मा, अकबरपुर के प्रधान प्रतिनिधि पंचदेव राजभर, बैरख के प्रधान मुन्नीलाल, टांडा के प्रधान कन्नू राम, मुबारकपुर हरतरा प्रधान प्रतिनिधि प्रमोद यादव आदि ने बताया कि हम लोगों के यहां पानी की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। कई इंडिया मार्का हैंडपंप भी खराब हो चुके हैं। कुछ ही हैंडपंप चालू हालत में हैं। बीते अक्टूबर माह से ही पानी का जलस्तर नीचे जाने लगा है। अभी तो जनवरी में स्थिति यह है आगे गर्मी के दिनों में स्थिति क्या होगी। हम लोगों का भगवान ही मालिक है। सारे तालाब, गड्ढे, पोखरे आदि सूख चुके हैं या सूखने की कगार पर हैं। खारे पानी की वजह से उपजाऊ जमीन भी ऊसर हो रही है। वहीं फसलों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।

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-------- फेल हो गई नीर निर्मल परियोजना की बो¨रग

: अकबरपुर ग्राम पंचायत में दो वर्ष पूर्व नीर निर्मल योजना के तहत करीब एक करोड़ रुपये की लागत से पेयजल टंकी की बो¨रग शुरु हुई थी लेकिन यहां पर 1200 फीट बो¨रग होने के बाद भी पानी खारा मिलने की वजह से यह योजना बंद हो गई। इस योजना को एक अन्य ग्राम पंचायत में लगने का कार्य प्रस्तावित है। फिलहाल मामला ठंडे बस्ते में है।

-------- चार दशक से बंद पड़ी है माइनर बनाने की योजना

: आजमगढ़ जनपद की तरफ से आने वाली शारदा सहायक नहर जो क्षेत्र के सलेमपुर बघाई गांव में मिलती है। इस नहर के पानी को उदंती नदी में जाने के लिए माइनर बनाने के लिए दो जगहों से करीब चार किमी जमीन छोड़ी गई है लेकिन आज तक इस पर क्रियान्वन नहीं होने से इस भूमि पर लोगों का अवैध कब्जा है। इस संबंध में अकबरपुर के प्रधान प्रतिनिधि पंचदेव राजभर ने बताया कि सलेमपुर बघाई से भभौरा, अकबरपुर, आसपुर, बैरख, टांडा होते हुए उदंती नदी में माइनर बनाने की जमीन छूटी हुई है। इसी तरह दूसरी जमीन सलेमपुर बघाई होते हुए अकबरपुर, डिहवा सहित गांव के विभिन्न मौजे होते हुए काफी जमीन माइनर बनाने के लिए छोड़ी गई है। बताया कि क्षेत्र में पानी की समस्या को दूर करने के लिए इन छोड़ी गई जमीन पर माइनर बनाना अति आवश्यक है। माइनर में पानी आने से निश्चित तौर पर इन सभी गांवों के जलस्तर में निसंदेह वृद्धि होगी।


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