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फसल कटाई के समय ही करें पराली प्रबंधन

जागरण संवाददाता गाजीपुर फसलों का अवशेष जलाये जाने से उत्पन्न हो रहे प्रदूषण की रोकथाम

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 08:02 PM (IST)Updated: Sat, 24 Oct 2020 05:03 AM (IST)
फसल कटाई के समय ही करें पराली प्रबंधन
फसल कटाई के समय ही करें पराली प्रबंधन

जागरण संवाददाता, गाजीपुर : फसलों का अवशेष जलाये जाने से उत्पन्न हो रहे प्रदूषण की रोकथाम को लेकर शासन सख्त है। वह लगातार इस पर नजर गड़ाए हुए है। कृषि विभाग ने निर्देश जारी किया है कि कम्बाइन हार्वेस्टर के साथ यथा संभव सुपर एसएमएस का प्रयोग किया जाए जिससे पराली प्रबंधन कटाई के समय ही हो जाए। सुपर एसएमएस के विकल्प के रूप में अन्य फसल अवशेष प्रबंधन के यंत्र जैसे स्ट्रारीपर ,स्ट्रारेक व बेलर, मल्चर, पैडीस्ट्रा चापर, श्रब मास्टर, रोटरी श्लेसर, रिवर्सिबुल एमबी प्लाऊ, का भी प्रयोग कम्बाईन हार्वेस्टर के साथ किया जा सकता है, जिससे खेत में फसल अवशेष के बंडल बनाकर अन्य उपयोग में लाया जा सके अथवा काटकर मिट्टी में मिलाया जा सके। कम्बाइन हार्वेस्टर के संचालन की जिम्मेदारी होगी कि कटाई के दौरान उपरोक्त समस्त व्यवस्था स्वयं सुनिश्चित कराते हुए कटाई का कार्य करेंगे। यदि कोई किसान बिना प्रणाली को हटाए रवि की बोवाई के समय जीरो टिल सीड ड्रिल, हैप्पी सीडर या सुपर सीडर का प्रयोग कर सीधे बोआई करना चाहता है या फिर डीकंपोजर का प्रयोग कर प्रणाली का प्रबंधन करना चाहता है तो ऐसे किसानों से अनिवार्य रूप से इसका घोषणा पत्र लिया जाएगा कि उसके द्वारा पराली जलाई नहीं जाएगी। रबी की बोआई के समय उक्त यंत्रों या डीकंपोजर का प्रयोग किया जाएगा। जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि कृषक द्वारा घोषणा की शर्तों में दी गई बाध्यताओं का उल्लंघन करने पर विधिक कार्रवाई की जाएगी।

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