आर्बिटेशन के निस्तारण को डीएम ने किया भौतिक सत्यापन
फोरलेन में अधिग्रहित की गई जमीन की मुआवजा वृद्धि की मांग को लेकर दाखिल आर्बिटेशन का निस्तारण करने के लिए गुरुवार को जिलाधिकारी के. बालाजी सैदपुर पहुंचे। आर्बिटेशन दाखिल करने वाले रामतवक्का व सैदपुर के किसानों से उन्होंने बातचीत की। इसके बाद मौके पर पहुंचकर गाटा संख्या के अनुसार जमीनों को देखा। साथ ही पिछले तीन-चार वर्ष के अंदर संबंधित गाटा संख्या के आसपास क्रय-विक्रय की गई जमीनों का रेट जाना। कहा कि हर बिदु का आंकलन करने के बाद किसानों के आर्बिटेशन का निस्तारण करते हुए मुआवजा दिया जाएगा।
जागरण संवाददाता, सैदपुर (गाजीपुर): फोरलेन में अधिग्रहित की गई जमीन की मुआवजा वृद्धि की मांग को लेकर दाखिल आर्बिटेशन का निस्तारण करने के लिए गुरुवार को डीएम के बालाजी सैदपुर पहुंचे। आर्बिटेशन दाखिल करने वाले रामतवक्का व सैदपुर के किसानों से उन्होंने बातचीत की। इसके बाद मौके पर पहुंचकर गाटा संख्या के अनुसार जमीन को देखा। साथ ही पिछले तीन-चार वर्ष के अंदर संबंधित गाटा संख्या के आसपास क्रय-विक्रय की गई जमीनों का रेट जाना। कहा कि हर बिदु का आंकलन करने के बाद किसानों के आर्बिटेशन का निस्तारण करते हुए मुआवजा दिया जाएगा।
क्षेत्र के रामतवक्का व सैदपुर के किसानों ने अपनी जमीन पर फोरलेन का कार्य होने से रोक दिया है। उनकी मांग है कि जब शेखपुर गांव में साढ़े दस लाख रुपये मुआवजा दिया गया है तो हमें भी उसी दर पर मुआवजा दिया जाए। प्रशासन द्वारा उनकी मांग की अनदेखी किए जाने पर उन्होंने आर्बिटेशन दाखिल किया है। चूंकि जहां निर्माण रोका गया है उसके आसपास कार्य तेजी से हो रहा है। अब इन जमीन पर कार्य जरूरी हो गया है। यह देखते हुए डीएम सैदपुर आएं। यहां आकर उन्होंने संबंधित किसानों से बातचीत की। इसके बाद एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार व लेखपालों के साथ बैठक की। रामतवक्का का नक्शा उर्दू में था इसलिए उसे समझने में परेशानी हो रही थी। तब लेखपाल धीरेंद्र कुमार सिंह ने मदद की। इसके बाद डीएम जौहरगंज, रामतवक्का, बहरियाबाद रोड व सादात रोड के किनारे की जमीन को देखा। साथ ही तीन-चार वर्ष के भीतर क्रय-विक्रय किए गए जमीनों का मूल्य भी पता किया। इस दौरान डीएम ने रामतवक्का में गाटा संख्या 35, 34, 28, 27, 26, 25, आदि, बहरियाबाद रोड पर गाटा संख्या छह व सादात रोड पर गाटा संख्या 663 भी देखा। डीएम ने कहा कि जिस मूल्य पर तीन-चार वर्ष में क्रय विक्रय किया गया है और जमीन की भौतिक स्थिति को देख लिया गया है। आर्बिटेशन का अब निस्तारण कराया जाएगा।