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बाढ़ व बरसात के रुके पानी से संक्रामक बीमारियों का खतरा

क्षेत्र में गंगा गोमती गांगी व एकोझी नदियों के बाढ़ ।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Sep 2021 06:52 PM (IST)Updated: Mon, 20 Sep 2021 06:52 PM (IST)
बाढ़ व बरसात के रुके पानी से संक्रामक बीमारियों का खतरा
बाढ़ व बरसात के रुके पानी से संक्रामक बीमारियों का खतरा

जागरण संवाददाता, खानपुर (गाजीपुर) : क्षेत्र में गंगा, गोमती, गांगी व एकोझी नदियों के बाढ़ के बाद बारिश से जलभराव से गांवों में स्थिति गंभीर हो गई है। जगह-जगह लगे कूड़े के ढेर और जलभराव से संक्रामक रोगों ने पैर पसार रहे हैं। लगातार बारिश होने से हर तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है। बदलते मौसम की वजह से बुखार के मरीजों की संख्या अस्पतालों में बढ़ी हुई थी। ऐसे में अब जगह-जगह जलभराव होने से बारिश का पानी इकट्ठा होने से डेंगू, मलेरिया, डायरिया, निमोनिया, वायरल फीवर, टाइफाइड आदि बीमारियों का भी खतरा बढ़ रहा है।

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बारिश से होने वाले जलभराव से सिर्फ नदियों के तटवर्ती गांवों की ही नहीं बल्कि अन्य गांवों की भी हालत बहुत गंभीर हो गई है। इन बीमारियों का सबसे ज्यादा प्रभाव बच्चों और बुजुर्गों पर पड़ता है। गांवों में गलियों नालियों गड्ढों सहित सभी सड़कों के किनारे पानी लगा हुआ है। खानपुर थाना परिसर भी पिछले दस दिनों से चारों तरफ से बरसाती पानी से घिरा हुआ है। ग्रामीणों के अनुसार, गांव के लगभग हर घर में बुखार के मरीज हैैं। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते ग्रामीण बहुत परेशान हो गए हैं। बीते 15 दिनों से गांव में यही स्थिति बनी हुई है लेकिन स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोई सख्त कदम नहीं उठाया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम अभी तक नहीं गांव में नहीं पहुच पाई है। खानपुर के डा. केपी सिंह ने बताया कि बच्चे वायरल बरोंकोलिस्ट बीमारी में श्वांस नली में सूजन हो जाती है। यह स्थिति जुकाम से शुरू होती है। सांस नली में सूजन होने से सांस फूलना, आंखों में जलन, खांसी और सांस लेने में तकलीफ होती है। यदि समय पर उपचार नहीं हुआ तो यह गंभीर रूप ले लेता है। सभी लोग स्वच्छता का पूरा ध्यान रखें मास्क लगाएं और पानी उबाल कर पिएं। किसी घरेलू उपचार की बजाय सीधे स्वास्थ्य केंद्र आकर इलाज कराएं।

डीडीटी या मच्छररोधी दवा का नहीं हो रहा छिड़काव

गहमर (गाजीपुर) : स्थानीय गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर पिछले दिनों की तुलना में मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। इसमें अधिकांश बच्चे और महिलाएं शामिल हैं। बरसात के कारण पिछले कुछ दिनों से तापमान में हो रहे बदलाव से लोगों में मौसमी संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। इसके चलते अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ी हुई है।

स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र पर ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या आमतौर पर 100 के आसपास रहती थी, जो अब बढ़कर 150 से अधिक हो गई है। अस्पताल में सुबह नौ बजते ही काउंटर पर मरीजों की लाइन लगी रही। वहीं दवा काउंटर पर भी लोगों की भीड़ लगी रही। बारिश के मौसम में लोगों को वायरल बुखार भी हो रहा है। जगह-जगह जल जमाव से भी बीमारी बढ़ रही हैं, जबकि कहीं भी डीडीटी या मच्छररोधी दवा का छिड़काव नहीं हो रहा है। साफ-सफाई के अभाव में मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ गया है। दूषित पानी से डायरिया, टायफायड, सर्दी-जुकाम सहित अन्य बीमारियां फैल रही हैं। पानी व भोजन पर ध्यान देकर इन बीमारियों से बचा जा सकता है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गहमर के प्रभारी डा. शिशिर कपूर के अनुसार बरसात में डायरिया व टायफायड का सर्वाधिक प्रकोप बच्चों पर होता है। उल्टी-दस्त, बुखार की शिकायत अधिक होती है। बच्चों को पानी उबाल कर ठंडा होने पर पिलाएं। बासी भोजन न खानें दें। भोजन व पानी ढंककर रखें। चिकित्सक की सलाह से ही दवा लेनी चाहिए।


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