परिषदीय स्कूल के बच्चों को मिलेगा एमडीएम प्रतिपूर्ति भत्ता
गाजीपुर कोरोना काल में लगे लाकडाउन और ग्रीष्मावकाश के दौरान बंद चल रहे परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को सरकार एमडीएम भत्ता देगी ताकि वह स्कूल बंद रहने की स्थिति में भी इससे वंचित न रहने पाएं। पूरे 76 दिन का राशन बच्चों के अभिभावकों को कोटेदार द्वारा दिया जाएगा
जासं, गाजीपुर : कोरोना काल में लगे लॉकडाउन और ग्रीष्मावकाश के दौरान बंद चल रहे परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को सरकार एमडीएम भत्ता देगी ताकि वह स्कूल बंद रहने की स्थिति में भी इससे वंचित न रहने पाएं। पूरे 76 दिन का राशन बच्चों के अभिभावकों को कोटेदार द्वारा दिया जाएगा और नकद राशि उनके बैंक खाते में स्थानांतरित किया जाएगा। इसके लिए सभी अध्यापकों को विद्यालय खोलकर पंजीकृत बच्चों के अभिभावकों का विवरण एकत्र करने का निर्देश दिया गया है। इसका शासनादेश बेसिक शिक्षा विभाग को प्राप्त हो गया है।
कक्षा एक से आठ तक के विद्यालयों में अनिवार्य शिक्षा के तहत बच्चों को दोपहर का भोजन दिया जाता है। चूंकि 25 मार्च से लाकडाउन चल रहा था जो एक जून से अनलाक-1 में बदल गया। इधर 30 जून तक ग्रीष्मावकाश रहेगा। इस दौरान रविवार व राजकीय अवकाश को छोड़कर कुल 76 दिन होते हैं जिनका एमडीएम भत्ता बच्चों को दिया जाना है। कक्षा एक से पांच तक प्रति बच्चा प्रतिदिन की लागत के हिसाब से 76 दिन का कनवर्जन मनी 374 रुपये और कक्षा छह से आठ तक 561 रुपये आ रहा है। वहीं अगर खाद्यान्न की बात की जाए तो कक्षा एक से पांच तक प्रति बच्चे के हिसाब से 76 दिन का 7.60 किग्रा और कक्षा एक से आठ तक के बच्चों का 11.40 किग्रा आ रहा है।
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अप्रैल के बाद बढ़ी है कनवर्जन मनी
अप्रैल से पहले तक प्राथमिक विद्यालयों में प्रति बच्चा कनवर्जन मनी 4.48 रुपये व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 6.71 रुपये प्रतिदिन मिलता था। लेकिन एक अप्रैल से यह बढ़कर क्रमश: 4.97 और 7.45 रुपये प्रति बच्चा हो गया है। यह राशि 24 मार्च से 31 मार्च तक पुराने रेट से और एक अप्रैल से 30 जून तक नए रेट से दी जा रही है।
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बच्चों को मध्याह्न भोजन प्रतिपूर्ति का लाभ देने के लिए शासन ने आदेश दिया है। इसके लिए सभी प्रधानाध्यापकों को निर्देशित किया गया है कि वह विद्यालय खोलकर प्रति दिन बारी-बारी से पंजीकृत बच्चों के अभिभावकों को बुलाएं और उनके बैंक खाता नंबर, आधार कार्ड व मोबाइल नंबर के साथ अन्य आवश्यक विवरण एकत्र कर लें। इस दौरान लाकडाउन के नियमों का पालन करते हुए शरीरिक दूरी का भी ध्यान रखना है।
-श्रवण कुमार, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी।