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आसमान पर छाए बादल, ठंड में हुआ इजाफा

जागरण संवाददाता गाजीपुर आसमान पर बादल छाने से ठंड में इजाफा हो गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 05 Jan 2021 09:32 PM (IST)Updated: Tue, 05 Jan 2021 09:32 PM (IST)
आसमान पर छाए बादल, ठंड में हुआ इजाफा
आसमान पर छाए बादल, ठंड में हुआ इजाफा

जागरण संवाददाता, गाजीपुर : आसमान पर बादल छाने से ठंड में इजाफा हो गया। पूरे दिन भगवान भास्कर के दर्शन नहीं होने से लोग ठंड से सिकुड़ते रहे। वहीं बाजार में गर्म कपड़ों की खरीदारी पूरे दिन होती रही। उधर, मौसम में बदलाव को देख किसानों के माथे पर चिता की लकीरें साफ देखी गई। सुबह हल्का कोहरा व कुछ स्थानों पर छिटपुट बूंदाबांदी की संभावना के साथ बादल छाए रहने की उम्मीद है। अधिकतम तापमान 25 से 28 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 12 से 14 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है। वहीं पश्चिमी हवाएं मध्यम गति औसत पांच से सात किलोमीटर प्रति घंटा से चलने की उम्मीद है। सोमवार की अपेक्षा मंगलवार को अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान एक डिग्री सेल्सियस अधिक रहा । सोमवार को अधिकतम 25 तथा न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस रहा । वहीं मंगलवार का अधिकतम 26 और न्यूनतम तापमान 13 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। बीते दो दिनों से आसमान पर लगातार बादलों के टुकड़े देखे जा रहे थे। सोमवार को सुबह आसमान पर बादलों का साया बना रहा। दूसरे दिन मंगलवार को सुबह से ही आसमान पर घने बादल छाए रहे। बारिश की आशंका से लोग सुबह से ही घरों में दुबके रहे। वहीं दोपहर में सड़कों पर थोड़ा चहल-पहल बढ़ी रही। शाम होते ही लोग फिर घरों में दुबकने लगे। वहीं नगरपालिका की ओर से नगर में केवल कुछ स्थानों पर अलाव की व्यवस्था होने के कारण लोग ठंड से कांपते नजर आए। हालांकि नगरपालिका ने दावा तो 51 स्थानों पर अलाव जलाने का किया है लेकिन कुछ ही स्थानों पर अलाव जलने से लोग काफी मायूस नजर आए।

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आलू पर बढ़ा पिछैती झुलसा का खतरा कृषि विज्ञान केंद्र के फसल सुरक्षा वैज्ञानिक डा. ओंकार सिंह ने बताया कि अगर मौसम ऐसा ही बना रहा और बारिश होती है या पाला पड़ता है तो आलू पर पिछैती झुलसा रोग का खतरा बढ़ सकता है। इसके लिए किसान फसलों की सिचाई कर खेत के चारों ओर धुंआ कर दें इससे पाला का खतरा कम हो जाता है। वहीं इसके बचाव के लिए किसान मेंकोजेप का छिड़काव कर आलू की फसल का बचाव कर सकते हैं। इसके अलावा अगर बारिश हो जाती है तो सरसों एवं चना पर रोग का खतरा बढ़ जाता है। इसके लिए मौसम साफ होने पर किसान दवा का छिड़काव कर सकते हैं।


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