संजय वन पार्क में चला सफाई अभियान
संजय वन की बिगड़ी दशा सुधारने के लिए दैनिक जागरण द्वारा चलाए गए अभियान का असर दिखना शुरू हो गया है। सामाजिक संस्थाएं आगे आकर संजय वन की सफाई करना शुरू कर दी हैं। गुरुवार की सुबह भारत जागृति फाउंडेशन के सदस्यों द्वारा संजय वन पार्क की सफाई की गई। फाउंडेशन के अध्यक्ष आलोक जायसवाल के नेतृत्व में सदस्य चार दर्जन की संख्या में पार्क में पहुंचे।
जासं, सैदपुर (गाजीपुर) : संजय वन की बिगड़ी दशा सुधारने के लिए दैनिक जागरण द्वारा चलाए गए अभियान का असर दिखना शुरू हो गया है। सामाजिक संस्थाएं आगे आकर संजय वन की सफाई करना शुरू कर दी हैं। गुरुवार की सुबह भारत जागृति फाउंडेशन के सदस्यों द्वारा संजय वन पार्क की सफाई की गई। फाउंडेशन के अध्यक्ष आलोक जायसवाल के नेतृत्व में सदस्य चार दर्जन की संख्या में पार्क में पहुंचे। किसी के हाथ में झाड़ू था तो किसी के हाथ में फावड़ा, कोई तगाड़ी लेकर कूड़ा उठाने को तैयार था तो करनी लेकर घास साफ करने में। करीब दो घंटे तक पार्क की विधिवत सफाई की गई।
समिति के अध्यक्ष आलोक जायसवाल ने बताया कि पार्क में काफी गंदगी है। आगे कई दिनों तक अभियान चलाकर पार्क की सफाई की जाएगी। आवश्यकता पड़ने पर जेसीबी आदि भी मंगाया जाएगा। 1985 में बनाए गए यह पार्क कई वर्षों से उपेक्षित हो गया है। यहां जगह-जगह कूड़े का अंबार लगा हुआ है। इससे यहां आने से लोग परहेज करते हैं। शाम को अराजक तत्वों का जमावड़ा होता है। पार्क के चारों तरफ लगे कटीले तार हट चुके हैं। पार्क के सामने भी गंदगी है और पश्चिमी तरफ भी। इन समस्याओं को जागरण द्वारा प्रमुखता से प्रकाशित करने के बाद सामाजिक संस्थाएं आगे आना शुरू कर दी हैं। इस क्रम में पहला कदम जागृति फाउंडेशन ने बढ़ाया है। प्रदीप कुमार चंद्रा, मनीष जायसवाल, राजेश गुप्ता, शुभम सोनकर, दीपक कुमार, ईलू गुप्ता, प्रीतम सोनी, आशीष श्रीवास्तव, गौतम निषाद आदि थे।
--------- कभी लोगों को सुकून देता था पार्क
- यह पार्क कभी लोगों को सुकून देता था। नगर में बहुत सारे परिवार ऐसे थे जो पार्क में अपने बच्चों के साथ घूमने जाते थे। इन्हीं में से एक परिवार था नगर के नई सड़क मोहल्ला निवासी रामजी गुप्ता का। रामजी गुप्ता अपने बच्चों को पार्क में घुमाने के लिए जाते थे। स्थिति खराब होने पर अराजक तत्वों का जमावड़ा होने लगा तो इन्होंने जाना छोड़ दिया। संजय वन पार्क की हरियाली में दोपहर समय बिताने के लिए बहुत से लोग पहुंचते थे। इनमें दोपहर खोवा बेचने के लिए आने वाले लोग बैठकर आराम फरमाते थे। रामेसवक यादव भी इनमें से एक थे लेकिन अब वे खोवा बेचने के बाद सीधे घर को निकल लेते हैं। कभी राजनीतिक पार्टियां भी पार्क में स्थित गोलंबर में बैठकें आदि किया करती थीं लेकिन बाद की दशा बिगड़ने पर इन्होंने भी साथ छोड़ दिया। विभिन्न सामाजिक संगठनों ने भी इस पार्क में बहुत सारी बैठकें की हैं। आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के जिला मंत्री विवेक ¨सह ने बताया कि हम लोगों ने पार्क में कई सारी बैठकें की हैं। अब वहां की स्थिति खराब हो गई इसलिए जाना छोड़ दिया है।