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एक कमरे में ओपीडी के साथ कक्षा भी संचालित

गाजीपुर रौजा स्थित राजकीय होमियोपैथिक मेडिकल कालेज प्रबंधन ने शिक्षा को मजाक बना दिया है। परिसर में जलजमाव के चलते पूरी शिक्षा व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। साथ ही प्रबंधन विद्यार्थियो के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। परिसर स्थित अस्पताल के चारों ओर पानी जमा होने के ओपीडी को वहां से शिफ्ट कर छात्रों की कक्षाओं में ही चलाई जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Oct 2019 10:31 PM (IST)Updated: Wed, 16 Oct 2019 06:04 AM (IST)
एक कमरे में ओपीडी के साथ कक्षा भी संचालित
एक कमरे में ओपीडी के साथ कक्षा भी संचालित

जासं, गाजीपुर : रौजा स्थित राजकीय होमियोपैथिक मेडिकल कालेज प्रबंधन ने शिक्षा को मजाक बना दिया है। परिसर में जलजमाव के चलते पूरी शिक्षा व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। साथ ही प्रबंधन विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। परिसर स्थित अस्पताल के चारों ओर पानी जमा होने के ओपीडी को वहां से शिफ्ट कर छात्रों की कक्षाओं में ही चलाई जा रही है। एक साथ ओपीडी और कक्षाएं चलने से होने वाले शोर से विद्यार्थियों की शिक्षा बाधित हो रही है। कालेज में करीब डेढ़ सौ छात्र-छात्राएं मेडिकल की शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। अधिकतर विद्यार्थी बाहरी और नीट परीक्षा क्वालिफाई कर आए हुए हैं।

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राजकीय होमियोपैथिक मेडिकल कालेज में जलनिकासी की व्यवस्था नहीं होने के कारण बारिश का पानी परिसर में जमा हो जाता है। कुछ वर्षों पूर्व बारिश का पानी कालेज के पिछले हिस्से में स्थित पोखरी में चला जाता था लेकिन इस पर आवासीय निर्माण होने से जलनिकासी बंद हो गई है। नतीजा बारिश का पानी परिसर में ही जमा हो जाता है। बीते माह में लगातार कई दिनों तक हुई बारिश से स्थित नारकीय हो गई है। पूरा परिसर डूब जाने से अस्पताल बंद कर मरीजों को कालेज परिसर में उनकी जांच होने लगी। इसका खामियाजा अभ्यर्थियों को भुगतना पड़ रहा है। एक ही कमरे में ओपीडी और फाइनल वर्ष का कक्षाएं दोनों चल रही हैं। ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनकी पढ़ाई किस कदर बाधित हो रही होगी।

कक्षाएं हो रहीं बाधित

छात्र-छात्राओं ने बताया कि उनकी कक्षाएं पूरी तरह से बाधित हैं। साथ ही परिसर में चारों ओर पानी की उठती दुर्गंध उनको काफी परेशान कर रही है। मच्छरों का प्रजनन बढ़ने से उनको बीमारी का खतरा भी बढ़ गया है। कई बार प्राचार्य से शिकायत की गई लेकिन अब तक इसका निदान नहीं निकल सका है। ----------- इस संबंध में प्रमुख सचिव, निदेशक एवं जिलाधिकारी को पत्र दिया जा चुका है। इसके अलावा जिलाधिकारी से कई बार इस संबंध में वार्ता की जा चुकी है लेकिन अब तक इसका कोई हल नहीं निकल सकता है। सुरक्षा के लिहाज से परिसर में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कराया जा चुका है और कोशिश जारी है कि परिसर के पानी निकलने का स्थायी निदान निकल जाए।

-डा. शैलेश कुमार, प्राचार्य, राजकीय होमियोपैथिक मेडिकल कालेज।


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