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शाम में हुई बूंदाबादी से बढ़ी ठंड

जनपद में ठंड का कहर बढ़ता जा रहा है। गुरुवार को दोपहर बाद मौसम बदला और शाम होते होते शुरू हुई बूंदाबादी ने चिता और बढ़ा दी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 Jan 2022 08:05 PM (IST)Updated: Thu, 06 Jan 2022 08:05 PM (IST)
शाम में हुई बूंदाबादी से बढ़ी ठंड
शाम में हुई बूंदाबादी से बढ़ी ठंड

जागरण संवाददाता, गाजीपुर : जनपद में ठंड का कहर बढ़ता जा रहा है। गुरुवार को दोपहर बाद मौसम बदला और शाम होते होते शुरू हुई बूंदाबादी ने चिता और बढ़ा दी। इससे आने वाले दिनों में गलन व ठंड और बढ़ जाएगी। ठंडी हवा के साथ-साथ गलन महसूस की जा रही है।

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ठंड से बचाव के लिए लोग अलाव का सहारा लेते रहे वहीं सड़कों पर शाम को सन्नाटा पसर जा रहा है। राजकीय होम्योंपैथिक कालेज के डाक्टर एपी सिंह का कहना है कि इस मौसम में शरीर को गर्म रखने की जरूरत है, जिसके लिए पर्याप्त मात्रा में गर्म कपड़े पहनने चाहिए, वहीं खान-पान का भी खास ध्यान रखना चाहिए। बादाम व अखरोट का सेवन ठंड के मौसम में लाभदायक होता है। मौसम एक्सपर्ट का कहना है कि आने वाले दिनों में बूंदाबादी के साथ कोहरा जारी रहेगा। गाड़ियों की रफ्तार हुई धीमी

- कोहरे व बादल के के चलते गाड़ियों की रफ्तार धीमी हो गई। आफिस से समय से निकलने के बावजूद लोग अपने घर देरी से पहुंचे। बढ़ी हुई ठंड के चलते सड़कों पर खुली चाय की दुकानों पर रौनक बढ़ गई। मौसम का लुफ्त उठाने के लिए लोगों ने चाय का सहारा लिया। हालांकि, ठंड के चलते सड़कों पर कम ही भीड़ देखने को मिली। नौकरी पेशे वाले लोग घर से निकले। ठंड से परेशान लोगों ने अपने घर के बाहर सड़कों पर आग जलाकर ठंड से राहत पाई।

रैन बसेरा बंद कर गायब थे कर्मचारी

दिलदारनगर (गाजीपुर) : नगर पंचायत की ओर से गुरुद्वारा रोड पर पुराने नगर पंचायत कार्यालय में खोला गया रैन बसेरा सिर्फ दिखावे के लिए है। गुरुवार की सुबह 8: 30 बजे जागरण टीम ने जब रैन बसेरा की व्यवस्था चेक की तो रैन बसेरा में ताला लटक रहा था और कर्मचारी गायब थे।

नगर में आने वाले लोगों के लिए नगर पालिका पंचायत की ओर से रैन बसेरा की व्यवस्था की गई है। नगर पालिका के एक कर्मचारी को देखरेख की जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन कर्मचारी रैन बसेरा में ताला लगाकर घर सोने चला जाता है। इससे मुसाफिरों को ठंड में परेशानी झेलनी पड़ रही है।नगर के लोगों ने बताया कि रैन बसेरा पर हमेशा ताला लटकता रहता है। कब कर्मचारी खोलते और बंद कर देते हैं इसका कोई समय निर्धारण नहीं है। ताला बंद होने से मुसाफिर वापस भी लौट जाते हैं। नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी मनोज पांडेय ने बताया कि रैन बसेरा में 15 लोगों की रहने की व्यवस्था की गई है। मुसाफिरों के लिए रजाई,तोसक व कंबल सहित पेयजल व शौचालय की व्यवस्था है। मुसाफिरों के नहीं रहने पर रैन बसेरा को कर्मचारी बंद कर देते हैं।


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