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रेल पटरी पर मवेशी, हादसे को आमंत्रण

जासं दिलदारनगर (गाजीपुर) पीडीडीयू-पटना रेल रूट के अतिव्यस्त दिल्ली-हावड़ा रेलवे ट्रैक पर आवारा पशु अक्सर हादसों की वजह बनते हैं। रेलवे ट्रैक पर मवेशियों के ट्रेनों से टकराने से बड़े हादसे होते-होते बच गये हैं। पशुओं के पटरी पर आने से रोकने के लिए प्रबंध महज कागजों तक सीमित हैं। ऐसे में किसी भी दिन बड़े हादसे की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। बावजूद इसके रेल पटरी पर पशुओं को चराने लाने वाले पालकों पर भी अंकुश नहीं लग सका है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 09 Oct 2019 09:05 PM (IST)Updated: Wed, 09 Oct 2019 09:05 PM (IST)
रेल पटरी पर मवेशी, हादसे को आमंत्रण
रेल पटरी पर मवेशी, हादसे को आमंत्रण

जासं, दिलदारनगर (गाजीपुर) : पीडीडीयू -पटना रेल रूट के अति व्यस्त दिल्ली-हावड़ा रेलवे ट्रैक पर आवारा पशु अक्सर हादसों की वजह बनते हैं। रेलवे ट्रैक पर मवेशियों के ट्रेनों से टकराने से बड़े हादसे होते-होते बच गये हैं। पशुओं के पटरी पर आने से रोकने के लिए प्रबंध महज कागजों तक सीमित हैं। ऐसे में किसी भी दिन बड़े हादसे की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है। बावजूद इसके रेल पटरी पर पशुओं को चराने लाने वाले पालकों पर भी अंकुश नहीं लग सका है।

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बीते तीन अक्टूबर को स्थानीय रेलवे स्टेशन के बाजार स्थित रेल फाटक पर डाउन लाइन में तेज रफ्तार से गुजर रही सिकंदराबाद रक्सौल स्पेशल ट्रेन के इंजन से टकराकर सांड़ के चीथड़े उड़ गए थे। यही नहीं शनिवार की सुबह 8.56 बजे दिलदारनगर ताड़ीघाट ब्रांच लाइन पर सोनवल गांव से पहले रेल पटरी के बीच सांड आ जाने से दिलदारनगर से ताड़ीघाट को जा रही डीटी पैसेंजर के चालक ने ट्रेन को कुछ दूरी पर रोक दिया। ऐसी घटना में ट्रेन डिरेल होने की आशंका बनी रहती है। पिछले वर्षों में भी कई बार जमानियां से लेकर गहमर स्टेशन तक रेल पटरी किनारे चरने वाले मवेशियों की ट्रेनों की चपेट में आने से मौत हुई थी।


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