बुजुर्गों को उम्र की शाम में उदासी नहीं, उमंग दें
विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस बुजुर्गों को सम्मान देने का दिन ।
जागरण संवाददाता, खानपुर (गाजीपुर) : विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस बुजुर्गों को सम्मान देने का दिन होता है। नई पीढ़ी को यह बताने का दिन है कि ये बुजुर्ग बोझ नहीं, बल्कि जिस सुंदर-सी बगिया में आप खिलखिला रहे हो, उसको इसी बागबान ने सींचकर इतना मनोरम बनाया है।
बच्चों को अपने पैर पर खड़ा करने के लिए उन्होंने जो भी जतन किए, उस कर्ज को सम्मान के साथ चुकाना होगा, ताकि आपके बाद की पीढ़ी भी आपके साथ बेहतर बर्ताव कर सके। सरकार ने भी वरिष्ठ नागरिकों को कदम-कदम पर सुविधाएं दी हैं। आज की युवा व उच्च शिक्षा प्राप्त पीढ़ी बूढ़ा कहकर वृद्धाश्रम या घर के किसी कोने में उपेक्षित छोड़ देती है। जिस घर को बनाने में ये बुजुर्ग अपनी पूरी जिदगी लगा देते हैं वृद्ध होने के बाद उसे उसी घर में एक तुच्छ वस्तु समझ लिया जाता है। ---
- यदि समाज के इस अनुभवी स्तंभ को यूं ही नजर अंदाज किया जाता रहा तो युवा उस अनुभव से भी दूर हो जाएंगे जो हमारे पास है। हमें सरकारी प्रयासों के साथ-साथ जनजागृति का माहौल निर्मित करना होगा। वृद्धों के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वाह करने के साथ-साथ समाज में उनको उचित स्थान देने की कोशिश करनी चाहिए।
-नूर मोहम्मद, रामपुर।
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-विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस पर बुजुर्गों के जीवन में खुशहाली और उजाला लाने के लिए सभी को संकल्प लेना होगा। समाज के बुजुर्गों के हक व सम्मान के लिए हमेशा सक्रिय एवं प्रयासरत रहने वाली संतान अपने वृद्धावस्था में भी सुख का अनुभव करते हैं।
-रामजीत यादव, इशोपुर।
--- -उम्र के इस पड़ाव पर जब हमें प्यार और देखभाल की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। वृद्धों को भी अपने स्वयं के प्रति जागरूक होना होगा। वृद्धावस्था की झुर्रियां पड़ती हैं तो उन्हें हृदय पर मत पड़ने दो। कभी भी आत्मा को वृद्ध मत होने दो।
-प्रेमशंकर मिश्रा, सिधौना।
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- उपभोक्तावादी संस्कृति तथा महानगरीय बोध के तहत बदलते सामाजिक मूल्यों, नई पीढ़ी की सोच में परिवर्तन आने और व्यक्ति के अपने बच्चों और पत्नी तक सीमित हो जाने की प्रवृत्ति के कारण बड़े-बूढ़ों के लिए अनेक समस्याएं आ खड़ी हुईं हैं।
- जितेंद्र सिंह, बेलहरी।