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आंखें मूदकर नियमविरुद्ध बना दिया पंचायत भवन व सामुदायिक मिलन केंद्र

आखिर निजी ट्रस्ट की जमीन पर इसे कैसे बना दिया गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Jun 2022 04:01 AM (IST)Updated: Sun, 26 Jun 2022 04:01 AM (IST)
आंखें मूदकर नियमविरुद्ध बना दिया पंचायत भवन व सामुदायिक मिलन केंद्र
आंखें मूदकर नियमविरुद्ध बना दिया पंचायत भवन व सामुदायिक मिलन केंद्र

आंखें मूदकर नियमविरुद्ध बना दिया पंचायत भवन व सामुदायिक मिलन केंद्र

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जागरण संवाददाता, गाजीपुर : कहावत है कि सत्ता के आगे नियम कायदे ताक पर रखकर आरईएस व ब्लाक के अधिकारियों ने निलंबित आइएएस रामबिलास यादव के ट्रस्ट की जमीन पर पंचायत भवन व सामुदायिक मिलन केंद्र खड़ा कर दिया, जो नियमानुसार गलत है। सरकार के करीबी होने के कारण तत्कालीन एमएलसी विजय यादव ने 24 लाख रुपये न खुद दिए, बल्कि स्थानीय विधायक व दूसरे एमएलसी से भी दिलवाए थे। उधर, पंचायत भवन में आइएएस के पड़ोसी का परिवार काबिज है। इस वजह से ग्राम पंचायत उसपर कब्जा नहीं कर पाती है। अधिकारी इस बात को समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर निजी ट्रस्ट की जमीन पर इसे कैसे बना दिया गया।

शासनादेश है कि निजी ट्रस्ट की जमीन पर पंचायत भवन व सामुदायिक मिलन केंद्र तब तक नहीं बनाया जा सकता, जब तक जमीन ग्राम पंचायत के नाम हस्तांतरण न हो जाए, लेकिन परेवा में रामकरन दादा ट्रस्ट की जमीन पर दोनों का निर्माण करा दिया गया। इतना ही नहीं एमएलसी व विधायकों ने भी अपनी निधि दी।

आइएएस रामबिलास यादव की हनक का तकाजा रहा कि तत्कालीन ग्रामीण अभियंत्रण सेवा के अधिकारियों ने बिना सोचे समझे ट्रस्ट की जमीन पर भवन खड़ा कर दिया। पिछले सात सालों में किसी भी ग्रामीण को पंचायत भवन व सामुदायिक केंद्र कोठी के अंदर होने की भनक तक नहीं लगी। ग्रामीणों को इसका पता तब चला जब आइएएस के खिलाफ आय से अधिक मामले की जांच शुरू हुई।

बचाव में बीडीओ की दलील

बीडीओ मनिहारी बृजेश अस्थाना का कहना है कि वह कई बार पंचायत भवन में जाकर बैठे हैं। दोनों निर्माण में पंचायत की निधि का पैसा नहीं लगा है। लेकिन जब सवाल किया गया है कि अगर पंचायत की निधि नहीं लगी है तो पंचायत भवन पर फिर तो ग्राम पंचायत का अधिकार कैसे होगा। इस पर वह चुप्पी साध गए। उधर, ग्राम प्रधान सदानंद यादव का कहना है कि उन्हें तो एक माह पहले ही कोठी के अंदर पंचायत भवन होने का पता चला है।


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