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स्वस्थ जीवन के लिए जैव विविधता जरुरी

जागरण संवाददाता गाजीपुर आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत राजकीय महिला स्नातकोत्तर

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 May 2022 07:52 PM (IST)Updated: Sun, 22 May 2022 10:52 PM (IST)
स्वस्थ जीवन के लिए जैव विविधता जरुरी
स्वस्थ जीवन के लिए जैव विविधता जरुरी

जागरण संवाददाता, गाजीपुर: आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय में रविवार को अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता डा. आनंद चौधरी ने कहा कि स्वस्थ जीवन के लिए जैव विविधता जरुरी है। वर्ष 1993 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने जैव विविधता के मुद्दों पर समझ और जागरुकता बढ़ाने तथा प्रकृति के साथ सद्भाव से रहने के समग्र ²ष्टि को बढ़ावा देने हेतु 22 मई को अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के रूप में घोषित किया।

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जैव विविधता शब्द का प्रयोग पृथ्वी पर जीवन की विशाल विविधता का वर्णन करने के संदर्भ में किया जाता है। इसका उपयोग विशेष रूप से एक क्षेत्र या पारिस्थितिकी तंत्र में सभी प्रजातियों को संदर्भित करने के लिए किया जा सकता है। जैव विविधता पौधों, बैक्टीरिया, जानवरों और मनुष्यों सहित हर जीवित चीज को संदर्भित करती है। इसमें प्रत्येक प्रजाति में विद्यमान आनुवंशिक अंतर भी शामिल होता है। जैव विविधता के संरक्षण से पारिस्थितिकी तंत्र की उत्पादकता में बढ़ोत्तरी होती है, जहां प्रत्येक प्रजाति, चाहे वह कितनी भी छोटी क्यों न हो, सभी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जैव विविधता पूरे विश्व की 40 प्रतिशत अर्थव्यवस्था, 90 प्रतिशत दैनिक आवश्यकता, जिसमें भोजन, दवा, ईंधन आदि को नियंत्रित करती है। उन्होंने पौधों के महत्व को समझाते हुए मत्स्यपुराण और वराहपुराण को केंद्रित करते हुए कहा की जिस प्रकार दस तालाब एक पुत्र के समान होते हैं, उसी तरह एक पेड़ दस पुत्र के समान होता है।

प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवन में कम से कम एक नीम, एक पीपल, एक बरगद, दस फूलों वाले पौधे, दो अनार, दो नारंगी तथा पांच आम के पेड़ लगाने चाहिए जिससे उसे स्वर्ग की प्राप्ति होगी अर्थात जैव विविधता समृद्धि होगी और पृथ्वी पर जीने योग्य वातावरण होगा। जैव विविधता का संरक्षण सतत विकास के क्रम में जरूरी है।

डा. सुमन ने कहा की जैव विविधता के संरक्षण हेतु वैश्विक स्तर पर विचार किया जाना चाहिए जिससे वातावरण का संतुलन बना रहे। डा. अमित यादव ने जैव विविधता की महत्ता पर प्रकाश डाला। प्राचार्य प्रो. सविता भारद्वाज ने पर्यावरण प्रदूषण तथा इसके घातक परिणाम के मुद्दे पर ध्यान आकर्षित किया, जिससे प्राकृतिक विविधता को और समृद्ध बनाया जा सके। इस अवसर पर डा. सत्येंद्र सिंह, मीडिया प्रभारी डा. शिवकुमार, डा. राजेश कुमार यादव, डा. हरेंद्र यादव एवं सभी छात्राएं उपस्थित रहे।


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