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पुण्यतिथि पर याद किए गए भारत रत्न नानाजी देशमुख

खानपुर (गाजीपुर) क्षेत्र के गौरी गांव में सरस्वती शिशु मंदिर के संस्थापक व जनसंघ के प्रमुख स्तंभ रहे भारत रत्न नानाजी देशमुख की 10वीं पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Feb 2020 05:12 PM (IST)Updated: Thu, 27 Feb 2020 05:12 PM (IST)
पुण्यतिथि पर याद किए गए भारत रत्न नानाजी देशमुख
पुण्यतिथि पर याद किए गए भारत रत्न नानाजी देशमुख

जागरण संवाददाता, खानपुर (गाजीपुर) : क्षेत्र के गौरी गांव में सरस्वती शिशु मंदिर के संस्थापक व जनसंघ के प्रमुख स्तंभ रहे भारत रत्न नानाजी देशमुख की 10वीं पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया। संघ के जन संपर्क प्रमुख श्यामसुंदर त्रिपाठी ने कहा कि महान विचारक और राष्ट्र ऋषि नानाजी का राजनीति के शिखर पर पहुंचकर एक झटके से सब छोड़ देना तथा समाज सेवा के लिए जुट जाना उनके आदर्श जीवन का प्रतिबिम्ब है। उन्होंने अचानक से राजनीति छोड़ने की घोषणा ये कहते हुए कर दी हो कि अब वह समाज सेवा करेंगे। बच्चों को शिक्षा के साथ संस्कृति की ज्ञान देने का व्यवस्था नानाजी का देन है। गोरखपुर से शिशु शिक्षा मंदिर की नींव रखते हुए कहा था कि देश का कोई भी नौनिहाल शिक्षा से वंचित नही रहना चाहिए। नानाजी ने दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानववाद दर्शन को धरातल पर उतारने का कठिनतम काम करने का बीड़ा उठाया था। सतीश पाठक, मुकेश यादव, जशवीर सिंह, पंकज सिंह, दिलीप चौबे, विजयबहादुर शुक्ला, अजय दुबे आदि थे।

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