कृष्ण सुदामा चरित्र की कथा सुन दर्शक हुए भावविभोर
जागरण संवाददाता मुहम्मदाबाद (गाजीपुर) क्षेत्र के सुरतापुर गांव में चल रही नौ दिवसीय रूद्र महायज्ञ के आठवें दिन भागवत कथा में साध्वी भावना कृष्णमूर्ति प्रिया ने सुदामा चरित्र सुनाकर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। साध्वी भावना ने कहा कि गुरु के साथ कपट और मित्र के संग चोरी करने वाला दरिद्र हो जाता है।
फोटो-23सी। जागरण संवाददाता, मुहम्मदाबाद (गाजीपुर) : क्षेत्र के सुरतापुर गांव में चल रही नौ दिवसीय रुद्र महायज्ञ के आठवें दिन भागवत कथा में साध्वी भावना कृष्णमूर्ति प्रिया ने सुदामा चरित्र सुनाकर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। साध्वी भावना ने कहा कि गुरु के साथ कपट और मित्र के संग चोरी करने वाला दरिद्र हो जाता है। आश्रम में शिक्षा ग्रहण करने के दौरान सुदामा ने अपने मित्र कृष्ण की नजर बचाकर गुरु के दिए चना अकेले ही खा लिए। जिस कारण वह दरिद्रता को प्राप्त हुए। सुदामा ने एक दिन पत्नी को अपनी और भगवान कृष्ण की दोस्ती के बारे में बताया तो सुदामा की पत्नी ने उन्हें कृष्ण जी के पास जाकर जीवन निर्वाह के लिए कुछ धन लाने को कहा। द्वारिकापुरी में भगवान कृष्ण ने बचपन के मित्र सुदामा की खूब खातिरदारी की और सुदामा के प्रेम में मगन होकर आंसुओं से उनके पैर धो डाले। रात में राम कथा में अशोकानन्द महाराज ने श्रीराम विवाह का मार्मिक वर्णन किया। भरत दास महाराज, रवींद्र राय, हनुमान, छठ्ठू यादव, परमेश्वर यादव, मंगरू तिवारी, रमेश यादव, बृजकिशोर यादव, रविन्द्र यादव आदि थे।