असिस्टेंट प्रोफेसर डा. पूजा के निलंबन से कालेज परिवार सकते में
जागरण संवाददाता गाजीपुर फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे राजकीय महिला पीजी कालेज में नौ
जागरण संवाददाता, गाजीपुर : फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे राजकीय महिला पीजी कालेज में नौकरी कर रहीं असिस्टेंट प्रोफेसर डा. पूजा सिंह के निलंबन के बाद कालेज परिवार सकते में है। उच्च शिक्षा निदेशालय की ओर से की गई इस कार्रवाई को लेकर तरह-तरह की चर्चा हो रही है। पूजा पर आरोप है कि उन्होंने अनुसूचित जनजाति गोंड का प्रमाण पत्र लगाया था, जबकि वह वास्तव में अन्य पिछड़ा वर्ग की हैं। राजकीय महिला पीजी कालेज में पिछले चार वर्ष से कार्यरत डा. पूजा यहां पर शिक्षाशास्त्र विभाग की अध्यक्ष थीं। उच्च शिक्षा निदेशालय ने पिछली जुलाई में सभी राज्य विश्वविद्यालयों, राजकीय व अशासकीय महाविद्यालयों में नियुक्त 11 हजार 412 शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच कराई थी। इसमें 27 शिक्षकों का प्रमाण पत्र संदिग्ध मिला था। 30 जुलाई को रिपोर्ट आने के बाद संदिग्ध मामलों की फाइल निदेशालय तलब कर अलग-अलग बारीकी से जांच शुरू की। जांच में सभी मामले परत दर परत खुलने लगे। पता चला कि डा. पूजा ने अनुसूचित जनजाति गोंड का प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी प्राप्त कर ली थी, जबकि वह अन्य पिछड़ा वर्ग की हैं। उन्हें निलंबित करने के बाद नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण भी मांगा गया है। उचित जवाब न मिलने पर उनकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी। साथ में मुकदमा दर्ज कराकर वेतन रिकवरी की कार्रवाई भी होगी। राजकीय महिला पीजी कालेज की प्राचार्य डा. सविता भारद्वाज ने बताया कि डा. पूजा यहां पर पिछले चार वर्ष से कार्यरत थीं। उनके खिलाफ कार्रवाई की सूचना अभी तक हमें नहीं दी गई है।