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श्रद्धापूर्वक मना अनंत चतुर्दशी पर्व

क्षेत्र में अनंत चतुर्दशी का पर्व रविवार को श्रद्धा व भक्ति के साथ मनाया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Sep 2021 05:43 PM (IST)Updated: Sun, 19 Sep 2021 05:43 PM (IST)
श्रद्धापूर्वक मना अनंत चतुर्दशी पर्व
श्रद्धापूर्वक मना अनंत चतुर्दशी पर्व

जागरण संवाददाता, गाजीपुर : क्षेत्र में अनंत चतुर्दशी का पर्व रविवार को श्रद्धा व भक्ति के साथ मनाया गया। श्रद्धालुओं ने अनंत भगवान की पूजा कर संकटों से रक्षा करने की प्रार्थना की। कथा श्रवण कर परिवार के मंगल की कामना की गई। पूजा के बाद 14 गांठ वाले सूत्र को अनंत भगवान का स्वरूप मानकर पुरुष दाएं व महिलाओं ने बाएं बाजू पर धारण किया।

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खानपुर : भादप्रद माह के शुक्लपक्ष की चतुर्दशी का बहुत महत्व होता है। श्रद्धालुओं ने मंदिरों सहित अपने अपने घरों में अनंत पाठ में उपस्थित होकर भगवान विष्णु तथा माता लक्ष्मी सहित अन्य देवी देवताओं की पूजा अर्चना कर अनंत के धागे बांधे। खरौना के चंद्रभान मिश्रा ने बताया कि अनंत चतुदर्शी का व्रत पूजन करने से श्रीहरि विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा मिलती है। रेवतीपुर : स्थानीय गांव सहित क्षेत्र के गांवों में अनंत चतुर्दशी का कथा सुनकर श्रद्धालुओं ने हवन-पूजन किया। दोपहर तक व्रत रखा। साथ ब्राह्मण पुरोहित को भोजन व दान दक्षिणा दिये। पंडित रामनयन मिश्रा ने बताया कि अनंत चतुर्दशी व्रत करने से मनुष्य कई जन्मों के पापों से मुक्त होता है। इस व्रत को करने से जीवन में कठिनाई और दुख दूर हो जाते हैं। यदि व्रत संभव न हो पाए तो पूजा कर चतुर्दशी की कथा को सुने या पढ़ें जरूर। पुराणों के अनुसार अनंत चौदस का व्रत कम से कम 14 साल जरूर करना चाहिए। जब व्रत पूर्ण हो जाए तो चौदस के दिन ही व्रत का विधिवत उद्यापन करना चाहिए। बिना व्रत उद्यापन के व्रत का फल नहीं मिलता है। पति-पत्नी यदि दोनों व्रत करें तो इसका विशेष फल मिलता है। पांडवों और राजा हरिश्चन्द्र ने भी इसका व्रत किया था।


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