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सिचाई विभाग की लापरवाही से डूब गई 50 बीघा फसल

गाजीपुर सिचाई विभाग के लापरवाही के कारण सुहवल क्षेत्र के कई गांवों के दर्जनों किसानों की करीब 50 वीघा गेंहू मटर चना सरसों प्याज गन्ना शाक-सब्जी आदि फसलें जलमग्न हो गई। शनिवार की रात करीब छह किमी लंम्बी अधियारां-सुगवलियां-बडौरा माइनर में बेवजह पूरी क्षमता से पानी छोड़ दिया गया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Jan 2020 05:09 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jan 2020 05:09 PM (IST)
सिचाई विभाग की लापरवाही से डूब गई 50 बीघा फसल
सिचाई विभाग की लापरवाही से डूब गई 50 बीघा फसल

जासं, गाजीपुर : सिचाई विभाग की लापरवाही के कारण सुहवल क्षेत्र के कई गांवों के दर्जनों किसानों की करीब 50 बीघा गेंहू, मटर, चना, सरसों, प्याज, गन्ना शाक-सब्जी आदि फसलें जलमग्न हो गईं। शनिवार  की रात  करीब छह किमी  लंबी अधियारां-सुगवलियां-बड़ौरा माइनर में बेवजह पूरी क्षमता से पानी छोड़ दिया गया। किसानों की इसकी जानकारी सुबह हुई, तब तक उनकी फसल जलमग्न हो चुकीं थीं। किसानों की सूचना पर पानी तो बंद कर दिया गया, लेकिन फसलें अभी पानी में पूरी तरह डूबी हुई हैं। विभाग की लापरवाही पर किसान मुआवजे की मांग कर रहे हैं।

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क्षेत्र में झूलन राम, भुकेन राम, प्रेम, रामप्यारे, रामविलास यादव, रामाधार यादव, रामजन्म यादव, मोती यादव, शेषनाथ, हरिनाथ यादव, मन्नन यादव, लोकनाथ, रामअवध, रमाकांत यादव, तिलेश्वर यादव, रमेश यादव, रविद्र यादव आदि किसान इससे पीड़ित हैं। किसानों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि यह कोई पहली बार नहीं है। इसके पहले भी कई बार उनकी फसलें विभागीय लापरवाही की शिकार हो चुकी हैं। किसानों ने चेताया कि अगर उनकी बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा नहीं मिला तो वह आंदोलन को बाध्य होंगे। कहा कि धान के मौसम में विभाग से पानी के लिए गुहार लगाते-लगाते उनके जूते घिस जाते हैं, लेकिन पानी समय से नहीं मिल पाता। वहीं गेंहू के मौसम में असमय पानी वह भी पूरी क्षमता से देने का नतीजा सबके सामने है। इधर माइनर का पानी सुगवलिया गांव के काफी नजदीक पहुंच गया है, इससे गांव के लोग काफी चितित हैं। ताड़ीघाट रजवाहा के सहायक अभियंता अजय श्रीवास्तव ने कहा कि सूचना पर तत्काल प्रभाव से माइनर में पानी को बंद करा दिया गया है। विभाग समय-समय पर नहरों की मानीटरिग करता है। मौके पर विभागीय लोगों को भेजा गया है।


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