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बंध्याकरण के लिए 45 महिलाओं का हुआ पंजीकरण

जागरण संवाददाता गाजीपुर रेवती ब्लाक में परिवार नियोजन के तहत 45 महिलाओं का बंध्याकरण किया गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Dec 2020 08:46 PM (IST)Updated: Tue, 22 Dec 2020 08:46 PM (IST)
बंध्याकरण के लिए 45 महिलाओं का हुआ पंजीकरण
बंध्याकरण के लिए 45 महिलाओं का हुआ पंजीकरण

जागरण संवाददाता, गाजीपुर : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रेवतीपुर के अंतर्गत खुशहाल परिवार दिवस के मौके पर सोमवार को कुल 34 अंतरा, 45 छाया, 509 कंडोम, 432 माला-एन का वितरण किया गया। इस अवसर पर ब्लाक स्तर पर 22 दिसंबर को होने वाले महिला बंध्याकरण के लिए कुल 45 महिलाओं का पंजीकरण व माह के अंत में होने वाले पुरुष बंध्याकरण कैंप के लिए पांच पुरुषों का पंजीकरण किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन चिकित्सा अधिकारी डा. इमाम हुसैन एवं बीपीएम बबिता सिंह ने किया। इस मौके पर परिवार नियोजन को लेकर लोगों को जागरूक करने पर बल दिया गया। पूरे ब्लाक में एएनएम, आशा संगिनी एवं आशा कार्यकर्ताओं द्वारा कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इसमें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रेवतीपुर पर सुनील कुमार बीसीपीएम, आशुतोष कुमार डाटा आपरेटर एवं अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे। शासन के निर्देश पर प्रत्येक महीने की 21 तारीख को खुशहाल परिवार दिवस मनाए जाने का निर्णय लिया गया है।

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पिछले महीने हुआ था156 बंध्याकरण जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ ने बताया कि पिछले माह 21 नवंबर को मनाए गए खुशहाल परिवार दिवस पर पूरे जनपद में चार कैंपों का आयोजन किया गया था जिसमें 156 महिला बंध्याकरण कराया गया। 129 महिलाओं ने कापर-टी व प्रसव पूर्व आईयूसीडी 13 महिलाओं ने अपनाया। 1292 महिलाओं में अंतरा, 595 छाया, 774 माला-एन और 5363 कंडोम का वितरण किया गया था।

सीएचसी पर महिला चिकित्सक की तैनाती न होने से परेशानी

जागरण संवाददाता, सैदपुर (गाजीपुर) : नगर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर महिला चिकित्सक के न होने से परेशानी का सामना करना पड़ता है। उन्हें इलाज के लिए निजी महिला चिकित्सकों की शरण में जाना पड़ता है जहां उनका अतिरिक्त धन खर्च होता है। स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सैदपुर के अलावा जौनपुर के सीमावर्ती एवं आजमगढ़ के सीमावर्ती लोग यहां इलाज कराने आते हैं। प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में महिला मरीज भी यहां आती हैं। महिला चिकित्सक के न होने से महिलाओं को मजबूरी में पुरुष चिकित्सक को दिखाना पड़ता है।

वहीं प्रसव के दौरान यहां चिकित्सक न होने के कारण इमरजेंसी की स्थिति में उन्हें वाराणसी रेफर कर दिया जाता है। निजी चिकित्सालय में महिलाओं के इलाज के नाम पर लंबी धनराशि ली जाती है। नगर की पूनम मौर्या, शीला सोनकर आदि ने विभागीय अधिकारियों का ध्यान इस तरफ आकृष्ट कराते हुए महिला चिकित्सक के तैनाती की मांग की है। इधर, चिकित्सा अधीक्षक डा. संजीव सिंह ने बताया कि महिला चिकित्सक की तैनाती के लिए कई बार पत्राचार किया गया है। जिले में महिला चिकित्सक उपलब्ध न होने से तैनाती नहीं हो पा रही है।


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