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बाढ़ से बचाव के लिए खुलेगी 287 चौकियां, पांच तहसीलों में बनेगा आदर्श राहत केंद्र

बाढ़ से बचाव के लिए खुलेगी 287 चौकियां पांच तहसीलों में बनेगा आदर्श राहत केंद्र

By JagranEdited By: Published: Tue, 28 Jun 2022 05:42 PM (IST)Updated: Tue, 28 Jun 2022 05:42 PM (IST)
बाढ़ से बचाव के लिए खुलेगी 287 चौकियां, पांच तहसीलों में बनेगा आदर्श राहत केंद्र
बाढ़ से बचाव के लिए खुलेगी 287 चौकियां, पांच तहसीलों में बनेगा आदर्श राहत केंद्र

बाढ़ से बचाव के लिए खुलेगी 287 चौकियां, पांच तहसीलों में बनेगा आदर्श राहत केंद्र

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जागरण संवाददाता, गाजीपुर : बरसात का मौसम शुरू होते ही शासन ने आनन-फानन में बाढ़ की तैयारियों को लेकर रिहर्सल शुरू कर दिया है। शासन स्तर से जिले में बाढ़ आने पर बचाव व राहत कार्यों को लेकर तैयारियों की समीक्षा की जा रही है। इसके बाद जिले में 287 बाढ़ चौकियों की स्थापना की कवायद शुरू कर दी है। इसके साथ ही जिले की पांच तहसीलों में एक-एक आदर्श राहत केंद्र की स्थापना की जाएगी। इसके अलावा बाढ़ प्रभावित लोगों को राशन सुविधा मुहैया कराने के लिए टेंडर किए गए हैं। गंगा से करंडा क्षेत्र में दर्जनों गांवों में तबाही का आलम रहता है।

जिले से होकर गुजरने वाली गंगा, गोमदी व कर्मनाशा नदी बाढ़ के दिनों में काफी तबाही मचाती हैं। काफी संख्या में गांव बाढ़ से प्रभावित होते हैं। बाढ़ से करंडा व मुहम्मदाबाद क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हैं, जहां कई गांव पूरी तरह से गंगा के मुहाने पर खड़े हैं। इस बार शासन ने बाढ़ से बचाव के लिए तैयारियों की समीक्षा शुरू कर दी है। प्रमुख सचिव व मुख्य सचिव जिले स्तर पर तैयारियों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जानकारी ले रहे हैं। शासन के आला अधिकारियों के निर्देश के बाद बाढ़ से बचाव की जिम्मेदारी निभाने वाला आपदा विभाग सक्रिय हो गया है। बाढ़ चौकियों की स्थापना की फाइलें पटली जा रही है। जिले में 287 बाढ़ चौकियां स्थापित की जाएगी, ताकि लोगों को बाढ़ के दिनों में मदद मिल सके। एडीएम वित्त व राजस्व अरुण कुमार का कहना है कि बाढ़ को लेकर तैयारियां तेज हो गईं है। बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए राशन वगैरह की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही चौकियां स्थापित की जा रही है, ताकि बाढ़ की स्थिति में बचाव कार्य बिना देर किए शुरू हो सके।

बाढ़ से प्रभावित गांव

गंगा से सबसे अधिक बाढ़ प्रभावित करंडा क्षेत्र में बलुआ, रफीपुर, सोकनी, बढ़रियां, कतेरा, बैयपुर, पुरैना है। इन गांवों में बोल्डर पीचिंग होने से पिछले साल कुछ राहत रही। महाबलपुर व गद्दोगाड़ा में किसान पलायन कर दूसरे गांवों में पनाह लेते हैं। उधर, मुहम्मदाबाद मेंं सेमरा, शिवराय का पुरा, बच्छलपुर, शेरपुर, कुंडेसर, अवथहीं, अहिरौली, तमलपुरा आदि गांव भी प्रभावित होते हैं। इसके अलावा भी कई गांव हैं।


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