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पौधरोपण में 1.94 लाख की अनियमितता पकड़ में

जासं, गाजीपुर : कासिमाबाद ब्लाक के आठ गांवों में बीते वर्ष हुए पौधरोपण अभियान में 1.94 लाख रुपये

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Feb 2020 05:47 PM (IST)Updated: Fri, 14 Feb 2020 05:47 PM (IST)
पौधरोपण में 1.94 लाख की अनियमितता पकड़ में
पौधरोपण में 1.94 लाख की अनियमितता पकड़ में

जासं, गाजीपुर : कासिमाबाद ब्लाक के आठ गांवों में बीते वर्ष हुए पौधरोपण अभियान में 1.94 लाख रुपये अनियमितता प्रकाश में आया है। इन आठों ग्राम पंचायतों में सिर्फ प्राइवेट फर्म से पौधों को न सिर्फ खरीदाना दिखाया गया बल्कि भुगतान भी करा दिया गया, जबकि पौधों की खरीदारी वन विभाग व नर्सरी से ही करनी थी। ऐसा इसलिए था कि गोलमाल न हो सके। चार-चार सदस्यीय दो टीम गुरुवार को मौके पर जांच करने पहुंची तो इसका खुलासा हुआ। यह भुगतान डोंगल से ऊपर ही ऊपर कर दिया गया। इसकी ग्राम प्रधानों को जानकारी भी नहीं हो सकी।

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शासन की ओर से चलाए गए पौधरोपण अभियान में जिले में भी लाखों पौधे रोपे गए, लेकिन यहां बड़े पैमाने पर धांधली की गई। मामला इतना तूल पकड़ा कि जिलाधिकारी के संज्ञान में पहुंच गया। इस उन्होंने जांच बैठा दी। कासिमाबाद के आठ ग्राम पंचायत सोनबरसा, सुकहा, टोडार, उचौरी, गंगौली, वासूदेवपुर, सिपाह, साहपुर उसरी की जांच के लिए चार-चार सदस्यीय दो टीम मौके पर पहुंची। एक में डीडीओ व प्रभारी कासिमाबाद बीडीओ, तहसीलदार कासिमाबाद, एसडीओ फारेस्ट व एआर कोआपरेटिव थे। वहीं दूसरी टीम में तहसीलदार सदर, डीएचओ, उपकृषि निदेशक कृषि एवं एडीओ पंचायत थे। टीम ने जांच में पाया कि अनियमित तरीके से फर्म से पौधों का क्रय करके इन सभी आठों गांव में 24325-24325 रुपये भुगतान भी कर दिया गया है। इसकी रिपोर्ट बनाकर जिलाधिकारी को प्रेषित की जाएगी। वहीं ग्राम प्रधानों का कहना है कि डोंगल को जमा करा लिया गया था और तत्कालीन डीपीआरओ व सीडीओ ने ऊपर से ही इसका भुगतान करा दिया वो भी दबाव बनवाकर। ---

कई के गर्दन तक पहुंच सकती है तलवार

यह तो महज बानगी भर है। पौधरोपण के नाम पर कुछ चंद गावों को छोड़ दें तो पूरे जिले में केवल गोलमाल हुआ है। इसकी जड़ें बेहद गहरी और लंबी हैं। इस मामले की व्यापक स्तर पर जांच हो तो कई के गर्दन नप सकते हैं। बहरहाल, कागजी घोड़े दौड़ाने वालों में हलचल है। --- चार-चार सदस्यीय दो टीम गांवों में पहुंचीं। यहां फर्म द्वारा पौधों की खरीद करने और ग्राम पंचायतों द्वारा 24325-24325 रुपये का भुगतान भी करा देने का मामला मिला है।

- भूषण कुमार, डीडीओ।


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