12 हजार बकाएदारों की 100 करोड़ की संपत्ति होगी नीलाम
जागरण संवाददाता गाजीपुर बैंक से ऋण लेकर उसे समय से न चुकाने वालों की अब खैर नहीं है।
जितेंद्र यादव जागरण संवाददाता, गाजीपुर : बैंक से ऋण लेकर उसे समय से न चुकाने वालों की अब खैर नहीं है। यूनियन बैंक आफ इंडिया सरफेसिया कानून-2002 के तहत एनपीए घोषित खाताधारकों व गारंटीदाताओं की बंधक रखी गई संपत्ति नीलाम करने की तैयारी कर रहा है। ऐसे लोगों की सूची तैयार कर ली गई है। यूनियन बैंक के विभिन्न शाखाओं के 12 हजार बकाएदार हैं, जिनके पास बैंक का 100 करोड़ रुपये फंसा हुआ है।
कोरोना काल में व्यवसाय बंद होने के चलते बैंकों ने व्यापारियों व किसानों की सहूलियत के लिए छह महीने तक ऋण का किस्त जमा करने की बाध्यता को स्थगित कर दिया था। इसके बाद फिर से किस्त की वसूली शुरू कर दी गई। ऐसे बहुत से ऋण लेने वाले लोग हैं जो अभी भी किस्त जमा नहीं कर रहे हैं। इसमें पुराने ऋणी अधिक हैं। इससे यूबीआइ पर ऋण का बोझ बढ़ता जा रहा है और बैंक का कारोबार प्रभावित हो रहा है।
बैंक चला रहा समझौता योजना
ऋण वसूली की सख्ती के बीच बैंक ने बकाएदारों को राहत देने के लिए समझौता योजना शुरू किया है। यह योजना मार्च तक चलेगी। इसके तहत बकाएदार विशेषकर केसीसी वाले अपने बैंक में जाकर अपना खाता उन्नयन या बंद करा सकते हैं। इसके तहत उन्हें ब्याज में विशेष छूट दी जा रही है।
क्या होता है सरफेसिया कानून
यह कानून 2002 में बनाया गया। वित्तीय परिसंपत्तियों का प्रतिभूतिकरण और पुनर्गठन एवं प्रतिभूति हितों का प्रवर्तन (सरफेसी) कानून की धारा-14 जिला मजिस्ट्रेट को किसी ऋणधारक के चूक करने पर गिरवी रखी गई परिसंपत्ति को कुर्क कर 30 दिन के भीतर संबंधित बैंक या वित्तीय संस्थान को देनी होती है।
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-ऋण बकाएदार मार्च तक समझौता योजना का लाभ उठा कर आसानी से अपना ऋण समाप्त कर सकते हैं, अन्यथा उनके बंधक संपत्ति की बिक्री कर वसूली की जाएगी।
- रंजीत कुमार, क्षेत्र प्रमुख, यूनियन बैंक आफ इंडिया गाजीपुर।