किशोरी संग दुष्कर्म करने वाले को 10 वर्ष की सजा
जागरण संवाददाता गाजीपुर विशेष सत्र न्यायाधीश पाक्सो प्रथम जयप्रकाश की अदालत ने शुक्रवार को किशोरी से दुष्कर्म के आरोपित को दस साल की सजा सुनाई।
जागरण संवाददाता, गाजीपुर : विशेष सत्र न्यायाधीश पाक्सो प्रथम जयप्रकाश की अदालत ने शुक्रवार को किशोरी के साथ दुष्कर्म के मामले में 10 साल की कड़ी कैद की सजा सुनाते हुए 40 हजार रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया है। अर्थदंड की राशि से 30 हजार रुपये पीड़िता के चिकित्सकीय एवं पुनर्वास के लिए देने का आदेश दिया है।
अभियोजन के अनुसार नंदगंज थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी किशोरी 29 जुलाई 2016 को रात शौच के लिए जा रही थी। घात लगाए बैठे सुग्रीव चौहान, नीरज चौहान, प्रहलाद पाल व संतोष पाल बहलाफुसला कर उसे भगा ले गए। काफी तलाश किए जाने के बाद भी जब किशोरी नहीं मिली तब वादी ने मुकदमा दर्ज कराया। विवेचना के दौरान पुलिस ने 31 जुलाई 2016 को पीड़िता को बरामद कर आरोपितों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। जहां से सभी को जेल भेज दिया गया। विवेचना उपरांत पुलिस ने सभी आरोपितों के विरुद्ध आरोप पत्र प्रेषित किया। इस दौरान कुल आठ गवाहों को पेश किया गया। सभी ने अपना अपना बयान दर्ज कराया। दोनों तरफ की बहस सुनने के बाद न्यायालय ने अभियुक्त प्रहलाद पाल, संतोष पाल व नीरज चौहान को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया। वहीं अभियुक्त सुग्रीव चौहान को दोषी मानते हुए उपरोक्त सजा सुनाया। बच्ची का अपहरण करने वाले को सात वर्ष की सजा
जागरण संवाददाता, गाजीपुर : विशेष न्यायाधीश पाक्सो प्रथम जयप्रकाश की अदालत ने शुक्रवार को पांच वर्षीय बच्ची के अपहरण के मामले में आरोपित श्रीकांत राजभर को सात साल की कड़ी कैद की सजा सुनाई है। वहीं 30 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित करते हुए 20 हजार रुपये पीड़िता को मुआवजा स्वरूप देने का आदेश दिया है।
मुहम्मदाबाद थाना क्षेत्र एक गांव निवासी पांच वर्षीय बच्ची बाहर चारपाई पर सो रही थी। उसके पिता घर के अंदर खाना खा रहे थे। बाहर आ कर देखा तो बच्ची नहीं थी। तलाश के दौरान नदी की तरफ से बच्ची के रोने की आवाज आई। श्रीकांत बच्ची को लेकर भाग रहा था। गांव वालों की मदद से पकड़ कर उसे पुलिस के हवाले किया गया। इस मामले में मुकदमा दर्ज कर पुलिस द्वारा विवेचना कर आरोपित के विरुद्ध आरोप पत्र प्रेषित किया गया। दौरान विचारण विशेष लोक अभियोजक अनुज राय ने कुल पांच गवाहों को पेश किया। सभी ने अपना अपना बयान न्यायालय में दर्ज कराया। दोनों तरफ की बहस सुनने के बाद न्यायालय ने उपरोक्त सजा सुनाई।