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यादव ¨सह की बेटियों की अर्जी खारिज

सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश अमित वीर ¨सह की अदालत ने शुक्रवार को नोएडा प्राधिकरण के पूर्व मुख्य अभियंता यादव ¨सह की बेटी करुणा ¨सह व गरिमा भूषण की अर्जी खारिज कर दी। लोक अभियोजक ने बताया कि यह दोनों आय से अधिक संपत्ति के मामले में कुनबे के साथ आरोपित हैं। इन्होंने स्थायी हाजिरी माफी के लिए विशेष अदालत में अर्जी दी थी जिसे अदालत ने खारिज करने का निर्णय लिया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Sep 2018 11:25 PM (IST)Updated: Fri, 14 Sep 2018 11:25 PM (IST)
यादव ¨सह की बेटियों की अर्जी खारिज
यादव ¨सह की बेटियों की अर्जी खारिज

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश अमित वीर ¨सह की अदालत ने शुक्रवार को नोएडा प्राधिकरण के पूर्व मुख्य अभियंता यादव ¨सह की बेटी करुणा ¨सह व गरिमा भूषण की अर्जी खारिज कर दी। लोक अभियोजक ने बताया कि यह दोनों आय से अधिक संपत्ति के मामले में कुनबे के साथ आरोपित हैं। इन्होंने स्थायी हाजिरी माफी के लिए विशेष अदालत में अर्जी दी थी जिसे अदालत ने खारिज करने का निर्णय लिया।

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सीबीआइ ने एक अप्रैल 2004 से चार अगस्त 2015 तक की समयावधि में यादव ¨सह व उसके परिवार के सदस्यों की संपत्ति की जांच की। जांच के दौरान सीबीआइ को यादव ¨सह व उसके परिवार के सदस्यों की करीब 23 करोड़ 15 लाख 41 हजार 514 रुपये की बेहिसाब परिसंपत्तियों के बारे में जानकारी मिली। मामले में सीबीआइ ने यादव ¨सह, उसकी पत्नी कुसुमलता, बेटी गरिमा भूषण व करुणा ¨सह, बेटे सन्नी, पुत्रवधू श्रेष्ठा ¨सह, चार्टर्ड अकाउंटेंट मोहन लाल राठी, तीन फर्म मैसर्स कुसुम गारमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड, मैसर्स केएस अल्ट्राटेक प्राइवेट लिमिटेड, मैसर्स हिचकी क्रिएशंस प्राइवेट लिमिटेड व पीजीपी चैरिटेबल ट्रस्ट को आरोपित किया है। सीए मोहन लाल राठी सरकारी गवाह बन चुका है।


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