लेंटर से पहले ही शुरू कराई दीवारों की पुताई
फोटो नं.-13 मोदी-4 सब हेड सरना में बन रहे सार्वजनिक शौचालय के मामेले में ग्राम सचिव का कार
फोटो नं.-13 मोदी-4
सब हेड : सरना में बन रहे सार्वजनिक शौचालय के मामेले में ग्राम सचिव का कारनामा जागरण संवाददाता, मुरादनगर : मुरादनगर अंत्येष्टि स्थल में हुए हादसे के बाद जिले में विकास कार्यो की जांच कराने व आगे गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य कराए जाने का भले ही दावा किया जा रहा हो, लेकिन अभी निचले स्तर के अधिकारियों की मनमानी पर लगाम नहीं लग पा रही है। ताजा मामला सरना गांव में देखने को मिला है। यहां खाद, बीज गोदाम परिसर में बनाए जा रहे सार्वजनिक शौचालय पर लेंटर डाले बिना ही दीवारों की रंगाई पुताई का काम शुरू करा दिया। ग्रामीणों ने इसको लेकर हंगामा किया। मामले में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को भी शिकायत भेजी गई है। ग्रामीणों ने नियम विरुद्ध निर्माण नहीं होने देने की चेतावनी भी दी है।
सरना स्थित खाद, बीज गोदाम परिसर में पिछले दिनों सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कार्य शुरू कराया गया था। चारों तरफ की दीवारें खड़ी कर दी गई और उस पर लेंटर अभी नहीं डाला गया है। इसी बीच दीवारों की रंगाई-पुताई का काम दो दिन पहले शुरू हो गया। ग्रामीणों ने यह देख इसपर आपत्ति जताई। ग्राम सचिव रेशू शर्मा मौका मुआयना करने पहुंची तो ग्रामीणों ने हंगामा किया। ग्रामीणों ने कहा कि कागजी खानापूरी करने के लिए उन्होंने ऐसा काम कराया है। यह सरकारी धन की बंदरबांट की जा रही है जिसे वे कतई नहीं होने देंगे।
ग्रामीणों ने हाल ही में मुरादनगर में हुए हादसे का हवाला देते हुए शौचालय की दीवार में लगाई गई सामग्री पर भी सवाल उठाए। ग्रामीणों के विरोध में देखते हुए ग्राम सचिव ने वहां से निकलने में ही भलाई समझी। मामले की शिकायत ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को भेजी है। इस बारे में ग्राम सचिव रेशू शर्मा का कहना है कि ग्रामीण गलत आरोप लगा रहे हैं। जल्दी काम निपटाने के लिए उन्होंने रंगाई-पुताई का काम शुरू करा दिया था। लेकिन, उनके पास इस सवाल का जवाब नहीं था कि लेंटर डालते समय या उसके प्लास्टर कराने के दौरान रंगाई-पुताई बदरंग हो जाएगी तो ऐसी स्थिति में वह क्या करेंगी। काम को जल्दबाजी में पूरा कराने के पीछे उनकी क्या मंशा है। इसका भी ग्राम सचिव के पास कोई जवाब नहीं था। ऐसे में साफ है कि निर्माण कार्य को रिकार्ड में पूरा दिखाकर धनराशि रिलीज कराने की जल्दबाजी है। जल्द ही ग्राम पंचायत के चुनाव भी होने हैं। ऐसे में ग्रामीण भी ग्राम सचिव की कारगुजारी को समझ रहे हैं।