अज्ञात के अंतिम संस्कार को दी ढाई हजार रुपये में लकड़ी
हिडन घाट पर लकड़ी की कीमत के विवाद ने फिर पकड़ा तूल
जासं, गाजियाबाद : हिडन घाट पर अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी की अधिक कीमत वसूलने का मामला ठंडा नहीं पड़ रहा। पार्षद हिमांशु मित्तल ने एक बार फिर आरोप लगाया है कि नगर आयुक्त के कहने के बावजूद लकड़ी का रेट 750 रुपये प्रति कुंतल के हिसाब से दी जा रही है। पार्षद का कहना है कि पूर्व में जब यह मामला उठाया गया था तो श्मशान घाट हिडन नदी की समिति ने लावारिस शवों का अंतिम संस्कार निश्शुल्क करने की बात कही थी, लेकिन पांच जुलाई को एक शव के अंतिम संस्कार के लिए सिपाही से 2500 रुपये लिए गए हैं।
मोदीनगर थाने में तैनात सिपाही मोहम्मद आलम ने बताया कि पांच जुलाई को वह एक लावारिस शव को लेकर हिडन घाट पहुंचे थे। समिति की ओर से पूजा सामग्री व अन्य चीजों की व्यवस्था खुद ही करने की बात कही गई थी और लकड़ी के लिए 2500 रुपये उन्होंने अपनी जेब से दिए। समिति के प्रबंधन मनीष पंडित का कहना है कि सिपाही ने खुद ही पैसे देने की पेशकश की थी, इसीलिए पैसे लेकर उन्हें दी गई रशीद पर इसका जिक्र भी किया गया है। हम लावारिस का मुफ्त में ही अंतिम संस्कार करते हैं और आज भी एक शव का अंतिम संस्कार बिना किसी भुगतान के किया गया है। नगर आयुक्त की ओर से 525 रुपये प्रति कुंतल लकड़ी और 10 फीसद अन्य व्यय के लिए लेने का पत्र मिला था। इसका जवाब दे दिया गया है कि 750 रुपये से कम के रेट पर लकड़ी नहीं दी जा सकती है। नगर आयुक्त दिनेश चंद्र ने इस विवाद पर टिप्पणी करने से इन्कार करते हुए कहा कि लकड़ी के रेट को लेकर समिति को सुझाव ही दिया गया था। निगम लकड़ी के रेट तय नहीं करता।