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लापरवाही : जिला महिला अस्पताल के गेट पर हुआ प्रसव

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : जिला महिला अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही का खामियाजा एक प्रसूता को

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Nov 2018 10:01 PM (IST)Updated: Fri, 23 Nov 2018 10:01 PM (IST)
लापरवाही : जिला महिला अस्पताल के गेट पर हुआ प्रसव
लापरवाही : जिला महिला अस्पताल के गेट पर हुआ प्रसव

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : जिला महिला अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही का खामियाजा एक प्रसूता को उठाना पड़ गया। प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती की गई महिला को ऑपरेशन से पहले चिकित्सकों ने जांच के लिए जिला एमएमजी अस्पताल भेज दिया। वापसी में महिला को जिला महिला अस्पताल के गेट पर प्रसव पीड़ा शुरू हो गई और अस्पताल के गेट पर महिला ने नवजात को जन्म दे दिया। आनन-फानन में मौके पर पहुंचीं चिकित्सकों ने जच्चा-बच्चा को देखा और वार्ड में भर्ती कराया। दोनों स्वस्थ व सुरक्षित हैं। परिजनों ने इसे अस्पताल की लापरवाही बताया है।

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विजयनगर की कांशीराम आवासीय कालोनी में रहने वाली शालू 25 वर्ष को प्रसव के लिए बृहस्पतिवार को जिला महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शुक्रवार को शालू का ऑपरेशन होना था। प्रसव का समय भी पूरा हो चुका था, लेकिन उसे प्रसव पीड़ा नहीं हुई। इसके कारण उसका ऑपरेशन किया जाना था। शुक्रवार सुबह ऑपरेशन के लिए उसकी मेडिकल फाइल की जांच की गई तो पता चला कि उसके तीन ब्लड टेस्ट नहीं हुए हैं। इनमें से दो टेस्ट महिला अस्पताल में ही हो सकते थे और एक थायराइड के टेस्ट की सुविधा महिला अस्पताल में नहीं है। उसे कराने के लिए प्रसूता को चिकित्सकों ने जांच के लिए जिला एमएमजी अस्पताल भेज दिया। अवकाश होने के कारण सुबह 11 बजे तक ही अस्पताल खुला हुआ था। चिकित्सकों ने 11 बजे से पहले जांच कराकर आने के लिए परिजनों को कहा।

भीड़ अधिक होने और समय ज्यादा होने पर शालू को लेकर परिजन वापस महिला अस्पताल लौटे लेकिन अस्पताल में दाखिल होने से पहले ही प्रसव हो गया। चिकित्सकों ने इमरजेंसी केस में भी बजाय उसके रक्त का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजने के प्रसूता को ही ऐन वक्त पर जांच के लिए भेज दिया। महिला अस्पताल के पिछले गेट से एमएमजी अस्पताल भेजा गया था लेकिन वहां पहुंचते ही उसे तेज दर्द होने लगा और वापस आने से पहले रास्ते में ही उसका प्रसव हो गया। परिजनों का कहना है कि महिला अस्पताल में शालू के एक इंजेक्शन और दर्द की गोली दी गई थी, जिसके बाद भी उसे दर्द नहीं हो रहा था। एमएमजी अस्पताल की लैब में भीड़ होने के चलते खून की जांच नहीं हो सकी और इस दौरान ही शालू को तेज दर्द होना शुरू हो गया था। उसकी रिश्तेदार ने बताया कि चिकित्सकों को पहले ही सभी जांच पूरी करानी चाहिए थी।

शालू के रक्त की तीन जांच नहीं हुई थीं। प्रसव का समय पूरा होने पर उसको दर्द नहीं उठ रहे थे और पानी लगातार लीक हो रहा था। ऐसे में शुक्रवार को ऑपरेशन कराने के लिए परिजनों को कहा गया। थायराइड की जांच जिला महिला अस्पताल में ही कराने के लिए शासन को पत्र लिखा गया है।

- डा. दीपा त्यागी, सीएमएस, जिला महिला अस्पताल


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