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वर्तमान में संस्कृत की सबसे अधिक आवश्यकता

जासं, गाजियाबाद: शंभूदयाल डिग्री कालेज में संस्कृत भारती द्वारा आयोजित संस्कृत संभाषण शिविर

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 Nov 2017 09:17 PM (IST)Updated: Wed, 15 Nov 2017 09:17 PM (IST)
वर्तमान में संस्कृत की सबसे अधिक आवश्यकता
वर्तमान में संस्कृत की सबसे अधिक आवश्यकता

जासं, गाजियाबाद: शंभूदयाल डिग्री कालेज में संस्कृत भारती द्वारा आयोजित संस्कृत संभाषण शिविर का बुधवार को समापन किया गया। बीएड की छात्राओं ने संस्कृत में सरस्वती वंदना, स्वागत गीत, श्लोक और नाटिका पर प्रस्तुति दी। छात्रों ने दस दिवसीय शिविर के अनुभव भी समापन कार्यक्रम में रखे। संस्कृत भारती मेरठ प्रांत संगठन मंत्री डा. नरेंद्र पांडेय मुख्य अतिथि के तौर पर कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि संस्कृत की वर्तमान परिपेक्ष में बेहद आवश्यकता है। संस्कृत भाषा एक जीवित भाषा है। आचार्य विवेक शर्मा ने कहा कि संस्कृत भारत की आत्मा और प्राण है। प्राचार्या डा. मंजू गोयल ने कहा कि संस्कृत का प्रयोग पूरे विश्व में हो रहा है, यह एक वैज्ञानिक भाषा है। इस मौके पर डा. मीनाक्षी गोयल, चीफ प्रोक्टर डा. अनिल कुमार, डा. वंदना, डा. कमलेश भारद्वाज, डा. अजय उपाध्याय, डा. अखिलेश मिश्र, डा. एनके गर्ग मौजूद रहे।

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