यूपीपीसीबी का नोटिस, सर्दी से पहले करें सभी सड़कों का निर्माण
धनंजय वर्मा साहिबाबाद विश्व के प्रदूषित शहरों में शामिल जिले के दामन से प्रदूषण का दाग धोने के लिए उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने तैयारी शुरू कर दी है। यूपीपीसीबी ने कई विभागों को नोटिस जारी कर सर्दी से पहले सड़कों का निर्माण कार्य पूरा करने का निर्देश दिया है ताकि सड़कों से धूल न उड़े व जाम न लगे। तर्क दिया है कि जाम में वाहन ज्यादा धुआं छोड़ते हैं जिससे प्रदूषण भी ज्यादा होता है।
धनंजय वर्मा, साहिबाबाद : विश्व के प्रदूषित शहरों में शामिल जिले के दामन से प्रदूषण का दाग धोने के लिए उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने तैयारी शुरू कर दी है। यूपीपीसीबी ने कई विभागों को नोटिस जारी कर सर्दी से पहले सड़कों का निर्माण कार्य पूरा करने का निर्देश दिया है, ताकि सड़कों से धूल न उड़े व जाम न लगे। तर्क दिया है कि जाम में वाहन ज्यादा धुआं छोड़ते हैं, जिससे प्रदूषण भी ज्यादा होता है। 35 प्रतिशत प्रदूषण वाहनों के धुएं से : जिले से बड़ी संख्या में वाहन दिल्ली आते-जाते हैं। इससे जिले में रोजाना भारी जाम लगता है। इसके पीछे की वजह टूटी सड़कें व खराब यातायात व्यवस्था है। जाम में फंसे वाहन काला जहरीला धुआं उगलते हैं। इससे प्रदूषण फैलता है। पर्यावरणविद डा.जितेंद्र नागर की मानें तो जिले में कुल प्रदूषण में 35 प्रतिशत प्रदूषण वाहनों के धुएं से होता है। वहीं जगह-जगह टूटी सड़कों से धूल उड़ती है। इससे भी हवा में धूल के कण मिल जाते हैं। इससे वायु में पíटकुलेट मैटर (पीएम) 2.5 और पीएम 10 की मात्रा बढ़ती है। सड़कों में सुधार से कम होगा प्रदूषण : यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी उत्सव शर्मा का कहना है कि यदि सड़कों में गड्ढे नहीं होंगे और सड़कें साफ-सुथरी होंगी तो धूल नहीं उड़ेगी। जाम भी नहीं लगेगा। इससे प्रदूषण कम होगा। इस बार लखनऊ स्थित मुख्यालय के निर्देश पर प्रदूषण की रोकथाम के लिए सड़कों का निर्माण कार्य सर्दियों से पहले ही पूरा करने के लिए नोटिस जारी किया गया है। यह नोटिस भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ), लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए), नगर निगम समेत अन्य विभागों को जारी किया गया है।
यातायात जाम के 51 बिंदु किए गए थे चिह्नित : जिले में जाम लगने से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम को यूपीपीसीबी ने 51 स्थान चिह्नित किए थे। यूपीपीसीबी की टीम ने सर्वे कर यह देखा था कि कहां-कहां जाम लगता है। कितनी देकर का जाम लगता है। इसकी रिपोर्ट यातायात पुलिस, नगर निगम, जीडीए व अन्य विभागों को दी थी, ताकि ऐसी व्यवस्था हो कि यातायात जाम न लगे।