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रिश्वतकांड में फंसी महिला दारोगा समेत दो पुलिसकर्मी बरी

मेरठ की भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम अदालत ने रिश्वतकांड के मामले में फंसी महिला दरोगा समेत दो पुलिसकर्मियों को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया है। अदालत ने साक्ष्यों के अभाव और गवाहों के बयान के आधार पर दोनों को बरी किया है। मामला साहिबाबाद थाने की करण गेट चौकी से जुड़ा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Feb 2020 10:28 PM (IST)Updated: Mon, 17 Feb 2020 10:28 PM (IST)
रिश्वतकांड में फंसी महिला दारोगा समेत दो पुलिसकर्मी बरी
रिश्वतकांड में फंसी महिला दारोगा समेत दो पुलिसकर्मी बरी

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : मेरठ की भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम अदालत ने रिश्वतकांड के मामले में फंसी महिला दारोगा समेत दो पुलिसकर्मियों को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया है। मामला साहिबाबाद थाने की करण गेट चौकी से जुड़ा रहा है।

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वरिष्ठ अधिवक्ता सुधीर त्यागी और नवीन त्यागी ने बताया कि उनके मुवक्किल समरजीत कौर और कांस्टेबल राजपाल राणा वर्ष 2006 में साहिबाबाद थाने की करण गेट चौकी पर तैनात थे। उन्होंने बताया कि 17 फरवरी 2006 को कांस्टेबल रामपाल राणा को रिश्वत लेते हुए एक टीवी चैनल ने दिखाया था। इसके बाद एसएसपी ने मामले की जांच के आदेश दिए थे। जांच के बाद 19 फरवरी 2006 को कांस्टेबल रामपाल सिंह राणा व चौकी पर तैनात रही दारोगा समरजीत कौर के खिलाफ भ्रष्टाचार की धाराओं में साहिबाबाद थाने में मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले में पुलिस ने चार्जशीट पेश की थी। शुरुआत में इस केस का गाजियाबाद कोर्ट में विचारण चला, लेकिन बाद में मेरठ में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की अदालत का गठन किया गया, जिसमें पूरे मंडल के केसों को ट्रांसफर कर दिया गया था। इस मामले का भी मेरठ में विचारण हुआ, जिसके बाद अदालत ने साक्ष्यों के अभाव में दोनों पुलिसकर्मियों को बरी कर दिया। बता दें कि इस केस में बरी हुईं महिला दारोगा सीबीआइ कोर्ट में विचाराधीन निठारी कांड के एक केस में आरोपित है, जोकि अब भी अदालत में विचाराधीन है।


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