देश के पहले एएनपीआर आधारित टोल प्लाजा का ट्रायल शुरू
मदन पांचाल गाजियाबाद दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर देश के पहले आटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर (ए
मदन पांचाल, गाजियाबाद
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर देश के पहले आटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर (एएनपीआर) आधारित टोल प्लाजा का ट्रायल शुरू हो गया है। यह टोल प्लाजा चौथे चरण के प्रवेश द्वार से पहले बनाया गया है। टोल प्लाजा का कंट्रोल रूम निजामुद्दीन, अक्षरधाम, यूपी गेट और मेरठ से आने-जाने वाले हर वाहन से पलक झपकते ही टोल वसूलने में सक्षम होगा। फास्टैग के जरिये यह वसूली होगी। एक्सप्रेस-वे पर पहले दिन 2,17,620 वाहनों की नंबर प्लेट ट्रेस की गईं हैं। यदि टोल दरों का निर्धारण हो गया होता तो इनसे टोल वसूली हो जाती लेकिन फिलहाल टोल नहीं वसूला गया है। पहले दिन 64 एएनपीआर सीसीटीवी कैमरों के जरिये छोटे-बड़े वाहनों की नंबर प्लेट स्कैन करते हुए यह भी पता लगाया गया कि कितने वाहनों में फास्टैग लगा है और कितनों में नहीं लगा है। पहले दिन 12 बजे से लेकर आठ बजे तक चलने वाले कुल वाहनों के सापेक्ष 1,31,124 वाहनों में फास्टैग पाया गया है। शेष बिना फास्टैग के पाए गए हैं। दुपहिया एवं अन्य श्रेणी के वाहन भी एक्सप्रेस-वे पर दौड़ते रहे।
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पूरे एक्सप्रेस-वे के एंट्री प्वाइंटस पर लगाए गए सीसीटीवी कैमरों का ही कमाल है कि एक-एक वाहन का मूवमेंट उनके पास दर्ज हो रहा है। वाहन की नंबर प्लेट आगे-पीछे से स्कैन हो रही है। सही एवं गलत का भी पता चल जाता है।
-विकास गुप्ता, प्रोजेक्ट इंजीनियर
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बहुत अच्छा सिस्टम है। काम करते-करते टोल का ट्रांजेक्शन होगा। नंबर प्लेट के जरिये टोल वसूली का यह पहला पायलट प्रोजेक्ट है। लोकेशन के आधार पर वाहनों के प्रवेश करते ही पता चल जाता है। बिना फास्टैग लगे वाहनों का ई-चालान करने का प्रावधान रहेगा।
- जैक, आपरेटर
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सिस्टम को पहली बार लागू किया जा रहा है। इससे तकनीकी का लाभ मिलेगा। टोल प्लाजा पर होने वाले विवाद खत्म होंगे। आसानी से टोल वसूली होगी।
- अफजल,आपरेटर
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आटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर(एएनपीआर) आधारित टोल प्लाजा का ट्रायल शुरू हो गया है। टोल दरों का निर्धारण होते ही वसूली शुरू हो जाएगी। बिना मेन पावर के यह टोल प्लाजा होगा। एक्सप्रेस-वे पर जितना चलेंगे उतना ही टोल देना होगा। अभी सुचारू रूप से चलाने के लिए ईजी कार्प कंपनी के इंजीनियर एवं आपरेटर लगाए गए हैं। बाद में सीसीटीवी कैमरों के जरिए टोल वसूली होती रहेगी। कंट्रोल रूम में जरूर इंजीनियर तैनात रहेंगे। टोल पर कोई रोक टोक नहीं होगी। पूरे एक्सप्रेस-वे के टोल की वसूली इसी कंट्रोल रूम से होगी।
-मुदित गर्ग,परियोजना निदेशक, एनएचएआइ