एक ही रैपिड रेल में बैठकर यात्री करेंगे मेरठ से गुरुग्राम तक सफर
जासं गाजियाबाद देश के पहले रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के तहत एक ही रैपिड रेल में ब
जासं, गाजियाबाद: देश के पहले रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के तहत एक ही रैपिड रेल में बैठकर यात्री मेरठ से गुरुग्राम तक सफर कर सकेंगे। लंबी दूरी के लिए उनको सफर के बीच में किसी स्टेशन पर उतरकर दूसरी रैपिड रेल में सवार नहीं होना होगा। इससे मेरठ, गाजियाबाद और दिल्ली से गुरुग्राम में नौकरी के लिए जाने वाले लोगों को फायदा होगा। मेक इन इंडिया पहल के तहत दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कारिडोर के लिए आधुनिक यूरोपीय ट्रेन कंट्रोल सिस्टम लेवल-2 (ईटीसीएस एल-2) सिग्नलिग प्रणाली से यह संभव हो सकेगा।
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ- आरआरटीएस कारिडोर के लिए सिग्नलिग व ट्रेन कंट्रोल टेलीकम्युनिकेशन व पीएसडी सिस्टम के डिजाइन, सप्लाई, इंस्टालेशन, टेस्टिंग, कमीशनिग का काम अल्स्ट्राम इंडिया को सौंपा गया है। ईटीसीएस एल-2 सिग्नलिग टेक्नालाजी को अपनाने से यात्री परेशानी मुक्त और सुरक्षित यात्रा का अनुभव कर सकेंगे। इसके साथ ही परिचालन क्षमता को भी मजबूती मिलेगी।
रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के तीन कारिडोर में पहला दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ दूसरा दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी-अलवर और तीसरा दिल्ली-पानीपत है। तीनों कारिडोर पर जाने वालीं अलग-अलग रैपिड रेल प्रत्येक स्टेशन पर निश्चित समयांतराल पर पहुंचेंगी। यात्री को जिस कारिडोर पर सफर करना होगा, वह उस कारिडोर पर जानी वाली रैपिड रेल में सवार होगा। इसलिए यात्रियों को पानीपत और गुरुग्राम तक जाने के लिए बीच में दूसरी रैपिड रेल नहीं बदलनी होगी। बयान
एनसीआरटीसी मेक-इन-इंडिया नीति को अपनाते हुए एलटीई बैकबोन के साथ ईटीसीएस लेवल 2 सिग्नलिग को अपना रहा है। यह आरआरटीएस को दुनिया के सबसे तकनीकी रूप से उन्नत रेल नेटवर्क में शुमार कर देगा। यह आगामी रेल सिस्टम के लिए
यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हुए अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाने की एनसीआरटीसी की दृष्टि को भी यह रेखांकित करता है।
- पुनीत वत्स, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी