'कुछ अलग ही जोश था पहले चुनाव का'
मदन पांचाल गाजियाबाद आजाद भारत में हुए पहले विधानसभा चुनाव में जोश कुछ अलग ही होता था। च
मदन पांचाल, गाजियाबाद आजाद भारत में हुए पहले विधानसभा चुनाव में जोश कुछ अलग ही होता था। चुनाव कोई भी लड़े लेकिन गांव के हर व्यक्ति के मन में खुशी के लड्डू फूटते रहते थे। उम्मीदवार के गांव में आने की खबर पूरे गांव में आग की तरह फैल जाती थी। जो जिस हाल में होता था उम्मीदवार के गले में माला डालने को भाग उठता था। पहले विधानसभा चुनाव में पहली बार वोट डालने वाले गांव मोरटा निवासी 96 वर्षीय जय प्रकाश त्यागी बताते हैं कि कि चुनावी शोर दूर-दूर तक नहीं होता था। उम्मीदवार अलग अंदाज में वोट मांगने गांव और शहर की गलियों में आते थे। पहले विधानसभा चुनाव में उतरे उम्मीदवार तेजा सिंह जब पहली बार मोरटा गांव में आए तो पूरा गांव उनके स्वागत के लिए उमड़ पड़ा। गांव की चौपाल पर युवा, बुजुर्ग ही नहीं महिलाओं ने भी घूंघट की ओट से उनका स्वागत किया था। बुजुर्गों के पैर छूकर आशीर्वाद लेने के बाद सभा समाप्त हुई। अंत में बताशे बांटकर सभी का मुंह मीठा किया गया था। बुजुर्ग जयप्रकाश बताते हैं कि मुंबई से पढ़ाई बीच में छोड़कर वह पहले चुनाव में सक्रिय रहे थे। हाथ खड़ा करके दिया जाता था समर्थन
पहले चुनाव में वोट और सपोर्ट दोनों ही हाथ खड़ा करके ही दी जाती थी। उम्मीदवार के गांव आने पर पूरे गांव के लोग हाथ उठाकर उनके पक्ष में समर्थन करने की घोषणा करते थे। प्रतिद्वंदी उम्मीदवार न के बराबर होते थे। पहले चुनाव में प्रचार के बाद वोट भी हाथ उठाकर ही डलवाई गईं थी। जयप्रकाश त्यागी बताते हैं कि निर्वाचन ड्यूटी देने वाले कार्मिक गांव में मतदान के दिन आए और उम्मीदवार का नाम बोलकर उनके समर्थन में हाथ उठवाया। इनकी गिनती करके रजिस्टर में लिखकर ले गए। इस दौरान महिलाएं गीत और भजन गाती थी तो लोग नगाड़े बजाते थे।