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दिल्ली में हुई शर्मनाक घटना में तय की जाए जिम्मेदारी

आशुतोष गुप्ता गाजियाबाद किसान आंदोलन की आड़ में गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली में ट्रैक्टर

By JagranEdited By: Published: Tue, 26 Jan 2021 08:18 PM (IST)Updated: Tue, 26 Jan 2021 08:18 PM (IST)
दिल्ली में हुई शर्मनाक घटना में तय की जाए जिम्मेदारी
दिल्ली में हुई शर्मनाक घटना में तय की जाए जिम्मेदारी

आशुतोष गुप्ता, गाजियाबाद

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किसान आंदोलन की आड़ में गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली में ट्रैक्टर परेड में उपद्रव और लालकिले की प्राचीर पर राष्ट्रीय ध्वज के साथ अन्य संगठनों के झंडे लगाने की शर्मनाक घटना पर हर कोई स्तब्ध है। बुद्धिजीवी वर्ग इस घटना को शर्मनाक व देश की साख गिरना बता रहे हैं। राजनीतिक दल के लोग हों या भूतपूर्व सैनिक या बुद्धिजीवी वर्ग सब एक स्वर में इस घटना में शामिल उपद्रवियों व उनके पीछे जुड़े लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इस प्रकार की पुनरावृत्ति भविष्य में न हो इसके लिए सरकार को मंथन करने की सलाह दे रहे हैं। वहीं इस घटना के पीछे बुद्धिजीवी वर्ग बाहरी ताकतों को शामिल होना बता रहे हैं जो देश की एकता व अखंडता से खिलवाड़ करना चाह रहे हैं।

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दिल्ली में हुई शर्मनाक घटना के लिए सभी किसान संगठन दोषी हैं। इसके साथ उन्हें समर्थन कर रहे सभी राजनीतिक दल पूरी तरह से दोषी हैं। अब इन्हीं से पूछा जाना चाहिए कि आपके खिलाफ क्या कार्रवाई की जाए। जब सभी पल्ला झाड़ रहे हैं कि उपद्रवी हमारे लोग नहीं थे तो यह कौन थे। किसने इन्हें ऐसा करने के लिए पैसे दिए। सभी की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए।

जनरल वीके सिंह, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री

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दिल्ली में हुई घटना बेहद निदनीय है। उपद्रवियों की इस करतूत से देश की साख गिरी है और पूरे विश्व में गलत संदेश गया है। सरकार को अब आगे आकर कठोर कदम उठाने चाहिए और भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति न हो, इस पर मंथन करना चाहिए। बाहरी ताकतें देश को खोखला करना चाहती हैं, इस घटना से यह स्पष्ट हो गया है। इंटेलिजेंस एजेंसियां पूरे घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं।

कुलदीप तलवार, वरिष्ठ पत्रकार

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दिल्ली में हुई इस घटना के लिए पूरी तरह से प्रशासन और किसान संगठन जिम्मेदार हैं। ट्रैक्टर परेड को लेकर पुलिस व प्रशासन तैयार नहीं थे। यदि प्रशासन पहले से ही अलर्ट हो गया होता तो किसान ही क्या कोई भी ताकत इस शर्मनाक घटना को अंजाम नहीं दे पाती। इस आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता है कि पुलिस को कार्रवाई न करने के लिए ऊपर से निर्देश मिले हुए थे।

पीपी कर्णवाल, सेवानिवृत्त डिप्टी एसपी

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दिल्ली में हुई शर्मनाक घटना से मैं नि:शब्द हूं। यह पूरे देश के लिए शर्म की बात है। जब संगठनों ने दावा किया था कि बाहरी व्यक्ति उनके आंदोलन में शामिल नहीं होंगे तो ये लोग कहां से आ गए। सरकार को संगठनों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। यदि सरकार कार्रवाई नहीं करती है तो जनता को आगे आकर ऐसी ताकतों को सबक सिखाना चाहिए। संगठनों की जिम्मेदारी तय करनी चाहिए।

कर्नल तेजेंद्र पाल त्यागी, अध्यक्ष, राष्ट्रीय सैनिक संस्था


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