प्रदर्शनकारियों को कृषि कानून की नहीं पश्चिम बंगाल चुनाव की है चिता
धनंजय वर्मा साहिबाबाद तीन कृषि कानूनों के विरोध में यूपी गेट पर प्रदर्शन कर रहे नेता
धनंजय वर्मा, साहिबाबाद : तीन कृषि कानूनों के विरोध में यूपी गेट पर प्रदर्शन कर रहे नेता अपने ही नियमों को लांघकर राजनीति की ओर बढ़ रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता इन दिनों प्रदर्शन छोड़कर सभाओं को संबोधित करने निकले हुए हैं। वहीं, प्रदर्शन में शामिल लोगों को तीनों कृषि कानूनों के बारे में ही नहीं पता है। उन्हें पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराने और ममता बनर्जी को जिताने की सबसे ज्यादा चिता है।
गत 28 नवंबर से यूपी गेट पर तीन कृषि कानूनों के विरोध में धरना-प्रदर्शन चल रहा है। प्रदर्शनकारियों को यह नहीं पता है कि तीनों कृषि कानून क्या क्या हैं। बिजनौर से आए ऋषिपाल ने बातचीत में कहा कि जो भी तीनों कानून है हमारे नेताओं को पता है। तीनों काले कानूनों को वापस कराना है। पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि जब से प्रदर्शन चल रहा है, तब से वह डटे हुए हैं। बीच बीच में कभी जरूरी काम आने पर घर चले जाते हैं लेकिन इस दौरान घर का कोई न कोई सदस्य प्रदर्शन में शामिल होने जरूर आता है। राकेश टिकैत के बारे में पूछने पर ऋषिपाल ने कहा कि राकेश टिकैत किसी सभा को संबोधित करने गए हैं। इतना ही नहीं, धरनास्थल पर आजकल कृषि कानूनों की कम पश्चिम बंगाल चुनाव की चर्चा ज्यादा है। ऋषिपाल ने कहा कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी जीतेंगी तभी भाजपा को सबक मिलेगा। वहीं, मुजफ्फरनगर निवासी बृजपाल से पूछा गया कि कौन से तीन कानून हैं, जिसे सरकार वापस नहीं ले रही है। उन्होंने कहा कि सरकार को फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) देना चाहिए और बिजली का बिल माफ करना चाहिए। चार माह से प्रदर्शन में शामिल हैं लेकिन तीनों कृषि कानूनों के बारे में पता नहीं है। बंगाल चुनाव के बारे में पूछने पर उन्होंने तुरंत कहा कि ममता को जिताना है।
-------
. आखिर करने ही लगे राजनीति : तीनों कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन शुरू हुआ तो राकेश टिकैत व अन्य नेताओं ने इसे राजनीतिक अड्डा न बनने देने की बात कही थी। शुरुआत में तमाम पार्टियों के नेता भी यूपी गेट पर पहुंचे तो उन्हें मंच नहीं दिया गया। अब चुनावी दौर चल रहा तो उत्तर भारत से लेकर पश्चिम बंगाल तक राकेश टिकैत सभाओं को संबोधित कर बीजेपी को वोट न देने की अपील कर रहे हैं। ममता बनर्जी को जिताने पर जोर दिया जा रहा है। आजकल यूपी गेट पर प्रदर्शन में राकेश टिकैत बहुत कम दिखाई दे रहे हैं। जगह जगह जनसभाओं को संबोधित करने पर ज्यादा जोर दे रहे हैं।