कोरोना से भी घातक है टीबी, समय पर इलाज जरूरी: डॉ. जेपी
जागरण संवाददाता साहिबाबाद क्षय रोग यानि टीबी (टयूबरक्लोसिस) कोरोना से भी अधिक घातक है।
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद: क्षय रोग यानि टीबी (टयूबरक्लोसिस) कोरोना से भी अधिक घातक है। समय पर इस बीमारी का उपचार कराया जाना जरूरी है। लेकिन कई बार लोगों को इस बीमारी के बारे में समय पर जानकारी नहीं हो पाती है। जिस कारण टीबी के बीमार व्यक्ति से यह बीमारी दूसरे लोगों तक पहुंचती है। जनपद में 3800 से अधिक टीबी के सक्रिय मरीज हैं। 256 डायरेक्ट आब्जर्वेशन थैरेपी (डॉट्स) सेंटरों के जरिये रोगियों को नियमित दवा दी जा रही है। जबकि कोरोना संक्रमितों की संख्या इससे कम है। टीबी के मरीज के खांसने और छींकने के दौरान मुंह-नाक से निकलने वाली बारीक बूंदें इन्हें फैलाती हैं। फेफड़ों के अलावा दूसरी कोई टीबी एक से दूसरे में नहीं फैलती। टीबी खतरनाक इसलिए है क्योंकि यह शरीर के जिस हिस्से में होती है, सही इलाज न हो तो उसे बेकार कर देती है। वहीं, जिला क्षय रोग अधिकारी जेपी श्रीवास्तव ने बताया कि टीबी को पूरी तरह से खत्म करने के लिए जरूरी है कि बीमारी का शुरुआत में ही उपचार शुरू किया जाए। यह बीमारी खांसने और छींकने से फैलती है। इसलिए समय रहते बीमारी का उपचार बहुत जरूरी है। टीबी का सीधा अटैक फेफड़ों पर होता है और कोरोना भी फेफड़ों को अपनी गिरफ्त में लेता है। ब्रेन, यूटरस, मुंह, लिवर, किडनी, गले और हड्डी आदि में भी टीबी हो सकती है। सबसे आम फेफड़ों की टीबी है, जो कि हवा के जरिये एक से दूसरे इंसान में फैलती है। अगर समय पर इलाज करवाया जाए तो एक माह में इस रोग से मुक्ति मिल सकती है। लेकिन अगर समय पर इलाज न कराया जाए तो बीमारी तेजी से फैलती है, जिसे रोकने के लिए डॉक्टरों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है।