Move to Jagran APP

केबल घोटाले में हुई सप्लायर की गवाही

सीबीआइ की विशेष अदालत में मंगलवार को नोएडा टेंडर से जुड़े केबल घोटाले के मामले में सुनवाई हुई। विशेष न्यायाधीश अमित वीर सिंह की अदालत में इलेक्ट्रॉनिक सामान की सप्लाई करने वाले एक निजी व्यक्ति की गवाही हुई। उन्होंने केस के संबंध में अपने बयान दर्ज कराए। अदालत ने केस की अगली सुनवाई 24 मार्च की तारीख नियत की है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 08:31 PM (IST)Updated: Wed, 19 Feb 2020 06:10 AM (IST)
केबल घोटाले में हुई सप्लायर की गवाही
केबल घोटाले में हुई सप्लायर की गवाही

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : सीबीआइ की विशेष अदालत में मंगलवार को नोएडा टेंडर से जुड़े केबल घोटाले के मामले में सुनवाई हुई। विशेष न्यायाधीश अमित वीर सिंह की अदालत में इलेक्ट्रॉनिक सामान की सप्लाई करने वाले एक निजी व्यक्ति की गवाही हुई। उन्होंने केस के संबंध में अपने बयान दर्ज कराए। अदालत ने केस की अगली सुनवाई 24 मार्च की तारीख नियत की है।

loksabha election banner

सीबीआइ के लोक अभियोजक कुलदीप पुष्कर ने बताया कि अदालत में मंगलवार को दिल्ली में पर्व ट्रेडर्स के नाम से दुकान चलाने वाले सप्लायर नीरज जैन की गवाही हुई। उसने बताया कि वह एक इलेक्ट्रॉनिक सामान की सप्लाई करता है। उसने ने प्राधिकरण में सप्लाई किए गए केबल के बारे में भी अदालत को बताया। नीरज का बयान अगली तारीख तक के लिए जारी रहा। अदालत में मुख्य आरोपित यादव सिंह को डासना जेल से लाकर पेश किया गया। वहीं, उसकी पत्नी कुसुमलता, पंकज जैन समेत अन्य आरोपित अदालत में पेश हुए। बता दें कि नोएडा प्राधिकरण में वर्ष 2001 से लेकर 2007 तक टेंडर घोटाला हुआ था। मामले का पता चलने पर सीबीआइ ने जांच की थी। जांच में करोड़ों रुपये का घोटाला होना पाया गया। वहीं, सीबीआइ ने करोड़ों रुपये के केबल घोटाले के मामले में यादव सिंह समेत छह आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। जांच के बाद सीबीआइ ने इस मामले में चार्जशीट अदालत में पेश की थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.