भविष्य संवारने के लिए पढ़ाई भी जरूरी : पीयूष चावला
लॉकडाउन ने क्रिकेट मैचों की सीरीज पर ग्रहण लगा दिया। आइपी
जागरण संवाददाता, साहिबाबाद : लॉकडाउन ने क्रिकेट मैचों की सीरीज पर ग्रहण लगा दिया। आइपीएल का आयोजन भी नहीं हो सका। ऐसे में भारतीय क्रिकेटर पीयूष चावला ने घर पर बेटे के साथ खेलना शुरू कर दिया। उनका कहना है कि इससे उनको सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि भविष्य संवारने के लिए क्रिकेट के साथ पढ़ाई करना भी जरूरी है।
पीयूष चावला बुधवार को मोहन नगर स्थित आइटीएस कॉलेज की ओर से इंस्टाग्राम पर आयोजित वेबीनार में मुख्य अतिथि थे। इस दौरान करीब डेढ़ सौ से अधिक विद्यार्थी उन्हें देखने और सुनने के लिए इस कार्यक्रम में जुड़े। कार्यक्रम के दौरान उनसे पूछा गया कि इन दिनों क्रिकेट बंद है, आप कैसे समय बिता रहे हैं? पीयूष चावला ने बताया कि उन्होंने बेटे के साथ घर पर ही खेलना शुरू कर दिया है, जो उनको काफी अच्छा लग रहा है। उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि क्रिकेट में कैरियर बनाने की चाह रखने वाले कई विद्यार्थी पढ़ाई से दूरी बना लेते हैं, ऐसा करना गलत है। ऐसा करने से कई बार स्थिति ऐसी हो जाती है कि व्यक्ति इधर का रहता ह न ही उधर का। विद्यार्थियों को अपना भविष्य संवारने के लिए क्रिकेट के साथ पढ़ाई करना भी जरूरी है। उनसे पूछा गया कि आपको आइपीएल के दौरान पावर प्ले में बॉलिग करने से डर नहीं लगता है। तब उन्होंने कहा कि लंबे समय से क्रिकेट खेलने के कारण अपनी गेंदों पर इतने छक्के खा चुके हैं कि अब पावर प्ले में गेंद की पिटाई का डर खत्म हो गया है। उन्होंने बताया कि उनके पसंदीदा बल्लेबाज एवी डिविलियर्स हैं, जिनको गेंदबाजी करना उनको अच्छा लगता है। उन्होंने कहा कि सफलता कोई शॉर्ट कट नहीं होता है। आइटीएस द एजुकेशन ग्रुप के वाइस चेयरमैन अर्पित चड्ढा को उन्होंने कर्मठ और समर्पित प्रोफेशनल का उदाहरण बताया।
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वर्ल्ड कप जीत के बाद नहीं उतारी टीशर्ट: अपने अनुभव को शेयर करते हुए क्रिकेटर पीयूष चावला ने बताया कि 2011 में भारतीय टीम विश्व कप जीती तो वह पल उनकी जिदगी का सबसे अच्छा पल था। टीम की जीत के बाद उन्होंने करीब 24 घंटे से अधिक समय तक वही टीशर्ट पहने रखी। उन्होंने बताया कि अच्छा क्रिकेटर बनने के लिए क्रिकेट अकादमी ज्वाइन करने से पहले वहां के कोच के बारे में अच्छी तरह से जानकारी कर लें। टाइम-टेबल बनाकर क्रिकेट की प्रेक्टिस करें, जिससे भविष्य में परेशानी न हो।