हज हाउस में एसटीपी का निर्माण कार्य शुरू
आला हजरत हज हाउस में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) निर्माण आरंभ हो गया है जिसे 15 जून तक बनाने के निर्देश दिए गए हैं। चार जुलाई से इस वर्ष हज यात्रा पर जाने वालों के लिए उड़ाने आरंभ हो रही हैं। एनजीटी के आदेश पर एसटीपी निर्माण के लिए कुछ हिस्से की सील खोलकर युद्धस्तर पर कार्य आरंभ हो गया है।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : हज हाउस में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) निर्माण आरंभ हो गया है, जिसे 15 जून तक बनाने के निर्देश दिए गए हैं। चार जुलाई से इस वर्ष हज यात्रा पर जाने वालों के लिए उड़ाने आरंभ हो रही हैं। एनजीटी के आदेश पर एसटीपी निर्माण के लिए कुछ हिस्से की सील खोलकर कार्य आरंभ हो गया है।
एसटीपी निर्माण कार्य आरंभ होने के साथ ही हज हाउस में लगी सील खुलने की उम्मीद भी जगी है। मुम्बई हज कमेटी की ओर से एसटीपी निर्माण के लिए मुहैया कराए गए दो करोड़ रुपये के बाद उत्तर प्रदेश जल निगम के कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज (सीडीएस) ने प्रशासनिक स्तर पर अनुमति लेकर निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया है। एसटीपी की क्षमता 136 केएलडी का होगा। उत्तर प्रदेश राज्य हज समिति के सचिव कार्यपालक ने निर्देशित किया है कि एसटीपी प्लांट 15 जून तक पूरा करा दिया जाए। ताकि चार जुलाई 2019 से प्रारंभ हो रही हज यात्रियों की उड़ाने हो सकें। इसी को ध्यान में रखते हुए सीडीएस निर्माण कार्य में तेजी के साथ लगा है।
मुलायम ने किया था शिलान्यास, अखिलेश ने उद्घाटन
तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह ने 30 मार्च 2005 में हरनंदी के तट पर आला हजरत हज हाउस का शिलान्यास किया था। इसके बाद बसपा सरकार आने के बाद इसमें ज्यादा काम नहीं हो सका। साल 2012 में पुन: सपा सरकार आने के बाद हज हाउस का तेजी से निर्माण कार्य शुरू हुआ और छह दिसंबर 2016 को तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हज हाउस का उद्घाटन किया था।
यूं किया गया है सील
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश के बाद वर्ष 2018 में जिला प्रशासन ने हज हाउस को एसटीपी न होने के कारण सील कर दिया था। इस मामले में कुछ पर्यावरणविदों ने एनजीटी में याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने पक्ष रखा था कि हज हाउस में करीब दो हजार यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था तो की गई है, लेकिन वहां एसटीपी नहीं बनाया गया। यहां से निकलने वाला सीवरेज सीधे नदी में जाएगा।
इस मामले में हमने आवाज उठाई और कुछ देर से ही सही लेकिन कामयाबी मिली है।
- नसीम खान, जिला अल्पसंख्यक कांग्रेस कमेटी जिलाध्यक्ष
हम प्रशासनिक, वित्तीय और तकनीकी तीनों तरह की प्रशासन से अनुमति मिल गई हैं। इस कार्य को 15 जून तक पूरा करने के निर्देश भी दिए गए हैं। इसके लिए हम लोग तेजी के साथ काम कर रहे हैं।
- डीके भारद्वाज, परियोजना प्रबंधक कंसट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज जल निगम
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