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शुरुआत की लापरवाही से देहात में पसरा कोरोना

जागरण संवाददाता मुरादनगर कोरोना की पहली लहर ने शहरों को अपनी चपेट में लिया था लेि

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 May 2021 05:39 PM (IST)Updated: Mon, 10 May 2021 05:39 PM (IST)
शुरुआत की लापरवाही से देहात में पसरा कोरोना
शुरुआत की लापरवाही से देहात में पसरा कोरोना

जागरण संवाददाता, मुरादनगर :

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कोरोना की पहली लहर ने शहरों को अपनी चपेट में लिया था, लेकिन दूसरी लहर देहात में भी फैल गई। इसकी मुख्य वजह ग्रामीण चुनाव को मान रहे हैं। शुरुआत में ग्रामीणों ने इसको लेकर लापरवाही भी बरती। यही वजह रही कि गांवों में कई कई लोगों की असमय मौत हुई। लगातार बढ़ रही मौतों के बाद ग्रामीण कुछ सचेत हुए तो अब स्थिति में कुछ बदलाव भी दिख रहा है। अब ग्रामीण शहरियों से ज्यादा जागरूक हैं। गांवों में लोग निजी खर्च से लगातार सैनिटाइजेशन करा रहे हैं। सक्षम वर्ग भी आगे आकर मदद कर रहा है। बीमारी से लड़ने के लिए लोग घरों के अंदर ही कैद हैं।

मुरादनगर ब्लाक के खुर्रमपुर गांव की आबादी तीन हजार के आसपास है। कोरोना ने इस गांव में इस कदर कहर बरपाया कि 21 अप्रैल से लेकर अब तक 15 से ज्यादा लोगों की असमय मौत हो गई। भोजपुर ब्लाक के तिबड़ा, खंजरपुर, सीकरी कलां, सीकरी खुर्द, कलछीना, भोजपुर कई ऐसे गांव हैं, जहां लगातार कोरोना से मौतें हो रही हैं। खुर्रमपुर गांव निवासी अमित त्यागी पेशे से शिक्षक हैं। उनका कहना है कि कोरोना की पहली लहर गांवों में नहीं थी। इस बार चुनाव थे। चुनाव लड़ने वाले अधिकांश प्रत्याशी गांवों में न रहकर शहर में रहते हैं। वे चुनाव लड़ने गांवों में आए। शक्ति प्रदर्शन के लिए उनके साथ पूरी टीम शहर से उनको चुनाव लड़ाने के लिए आई। चुनाव प्रचार में बेकाबू भीड़ ने जनसंपर्क और जनसभाएं कीं। शारीरिक दूरी के नियम की खूब धज्जियां उड़ीं। लापरवाही इस कदर हावी रही कि अधिकांश लोगों ने मास्क लगाने की जरूरत भी नहीं समझी। यही वजह रही कि कोरोना हर जगह तेजी से फैला। सीकरी खुर्द गांव निवासी दीपक वत्स कहते हैं कि सरकार को चुनावों को स्थगित करना चाहिए था। चुनाव के बाद से गांवों में लगातार मौतें हो रही हैं। रोरी गांव निवासी बाबा परमेंद्र आर्य का कहना है कि लगातार बढ़ रहे मौत के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। अब सरकार कुछ करे या न करे, ग्रामीण खुद सतर्कता बरत रहे हैं। वे बिना वजह बाहर निकलने से बच रहे हैं। मास्क लगा रहे हैं और शारीरिक दूरी के नियम का पालन भी कर रहे हैं। परिवार के सदस्य भी एक दूसरे के बाहर निकलने पर आपत्ति जता रहे हैं। शादी समारोह समेत किसी प्रकार के आयोजन में लोग कमी से ही आ जा रहे हैं। ऐसे में कोरोना का खतरा अब लगातार कम होता जाएगा। एक झटके बाद गांवों में कुछ राहत के संकेत देखने को मिल रहे हैं। अब अध्यक्ष व प्रमुख पर निगाह

पंचायती चुनाव संपन्न हो गए हैं। इसके परिणाम भी आ गए हैं। ऐसे में जिला पंचायत अध्यक्ष और प्रमुख के दावेदारों ने अपना जोड़तोड़ शुरू कर दिया है। सरकार इसको लेकर अभी अपना रुख साफ नहीं कर रही, लेकिन दावेदारों की निगाह जिला पंचायत सदस्य और बीडीसी के जीतने वाले प्रत्याशियों पर लगी हुई है। खरीद फरोख्त की सूचनाएं मिलनी शुरू हो गई हैं। ऐसे में सरकारी अमले को गंभीरता बरतने की जरूरत हैं। अन्यथा यह लापरवाही सिस्टम व आम जनता पर फिर भारी पड़ सकती है।


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