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कब लगेगी लगाम: पर्यावरण संरक्षण के नाम पर प्रदूषण का कारण बन रहे ई-रिक्शा

आयुष गंगवार गाजियाबाद पर्यावरण संरक्षण के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया जा रहा ह

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Nov 2021 06:14 PM (IST)Updated: Mon, 29 Nov 2021 06:14 PM (IST)
कब लगेगी लगाम: पर्यावरण संरक्षण के नाम पर प्रदूषण का कारण बन रहे ई-रिक्शा
कब लगेगी लगाम: पर्यावरण संरक्षण के नाम पर प्रदूषण का कारण बन रहे ई-रिक्शा

आयुष गंगवार, गाजियाबाद

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पर्यावरण संरक्षण के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिले में ई-रिक्शा का भी चलन बढ़ गया है। हालात यह है कि शहर में हर सड़क पर ई-रिक्शा की लंबी लाइनें दिख रही हैं। पर्यावरण संरक्षण के नाम पर इन ई-रिक्शा के चालक शहर भर के यातायात को बाधित कर रहे हैं। इस कारण हर जगह जाम की स्थिति रहती है। अतिरिक्त ईंधन फुंकने से न सिर्फ लोगों को आर्थिक हानि होती है, बल्कि समय भी बर्बाद हो रहा है। लोगों की मांग है कि ई-रिक्शा का संचालन को व्यवस्थित किया जाए।

सिर्फ 5,320 का है पंजीकरण पूरे जिले में ई-रिक्शा बड़ी तादाद में चल रहे हैं। बावजूद इसके संभागीय परिवहन कार्यालय के मुताबिक इनकी संख्या 5,320 है, क्योंकि इतने ई-रिक्शा का ही पंजीकरण कराया गया है। वहीं सड़क पर इससे दोगुना से भी अधिक ई-रिक्शा घूम रहे हैं। पंजीकरण के लिए ई-रिक्शा का लाइसेंस होना जरूरी है। इससे बचने के लिए हजारों की संख्या में ई-रिक्शा बिना पंजीकरण, बिना लाइसेंस व बिना इंश्योरेंस के सड़कों पर घूमकर अव्यवस्था फैला रहे हैं। कार्रवाई की बात करें तो परिवहन विभाग ने अपंजीकृत पांच और यातायात पुलिस ने भी दर्जन भर ई-रिक्शा ही जब्त किए हैं।

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बिना कार्रवाई चाल हो रही बेलगाम ई-रिक्शा के लिए परमिट की जरूरत नहीं होती, इसी वजह से इन पर रूट का नियम लागू नहीं होता। इस कारण बेलगाम ई-रिक्शा हर सड़क, गली, तिराहा, चौराहा व सभी मुख्य बाजारों में बेतरतीबी से चलते हैं। सवारी पहले बैठाने के चक्कर में एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ रहती है। हर जगह एक साथ 3-4 ई-रिक्शा खड़े रहते हैं, जिस कारण आधी सड़क घिरी रहती है। आम वाहन चालकों को निकलने में परेशानी होती है। ऐसी स्थिति में कई बार झगड़े भी हो चुके हैं। कार्रवाई के नाम पर यातायात पुलिसकर्मी डंडा मारकर आगे जाने को कहते हैं तो 50 मीटर चलकर फिर ई-रिक्शा फिर से खड़े हो जाते हैं। बावजूद इसके कार्रवाई नहीं होती, जिस कारण ई-रिक्शा बेलगाम हो रहे हैं।

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इन स्थानों पर सबसे ज्यादा समस्या घंटाघर, पुराना बस अड्डा, नया बस अड्डा, हापुड़ मोड़, चौधरी मोड़, तुराबनगर मार्केट, लालकुआं, राजनगर एक्सटेंशन चौराहा, रिवर हाईट्स गोल चक्कर, मोहननगर, मुरादनगर, मोदीनगर राज चौपला, शालीमार गार्डन, वैशाली मेट्रो स्टेशन, राजेंद्रनगर मेट्रो स्टेशन, सूर्यनगर, मंगल बाजार चौक, सीआइएसएफ कट, विजयनगर बाइपास, डासना, सीआइएसएफ कट, सिहानी चुंगी, मेरठ तिराहा, घूकना मोड़।

----- ई-रिक्शा चालक पैदल चलने वाले लोगों को भी टक्कर मार देते हैं। इन्हें व्यवस्थित करने को जल्द योजना बने।

- हरीश कुमार अधिकांश ई-रिक्शा नाबालिगों के हाथ में हैं, जिस कारण हादसे का खतरा बना रहता है। रूट व स्टैंड तय किए जाने चाहिए।

- इंद्रजीत यादव ई-रिक्शा के लिए परमिट जरूरी नहीं होता। बिना पंजीकरण चल रहे ई-रिक्शा जब्त करेंगे।

- विश्वजीत सिंह, एआरटीओ, प्रशासन आरटीओ अधिकारियों के साथ मिलकर ई-रिक्शा के लिए स्टैंड व रूट तय करने पर विचार करेंगे।

- रामानंद कुशवाहा, एसपी ट्रैफिक


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