जीत का सेहरा बांधने में निर्णायक हो सकते हैं उत्तराखंड के लोग
अवनीश मिश्र साहिबाबाद विधानसभा चुनाव-2022 में साहिबाबाद क्षेत्र से ताल ठोकने के लिए कुल 13 प्र
अवनीश मिश्र, साहिबाबाद : विधानसभा चुनाव-2022 में साहिबाबाद क्षेत्र से ताल ठोकने के लिए कुल 13 प्रत्याशियों का नामांकन सही पाया गया है। 10 लाख 12 हजार 154 मतदाता इनमें से किसी एक के सिर पर जीत का सेहरा बांधेंगे। कुल मतदाताओं में करीब 25 प्रतिशत की भागीदारी उत्तराखंड के मतदाताओं की है। इस हिसाब से यह मतदाता जीत-हार में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। हालांकि चुनाव में उत्तराखंड के मतदाताओं का ऊंट किस करवट बैठेगा यह तो आने वाला समय बताएगा।
साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र की खासियत है कि यहां मूल निवासियों से ज्यादा बाहर से आकर बसने वाले लोग हैं। उनमें करीब चार लाख पूर्वांचल व बिहार और ढाई लाख मतदाता उत्तराखंड के मूल निवासी हैं। अब तक मुख्यधारा के सभी राजनीतिक दलों ने यहां के मूल निवासियों को प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतारा है। उत्तराखंड के पूर्व राज्यमंत्री सच्चिदानंद शर्मा और पूर्वांचल के सच्चिदानंद राय ने भारतीय जनता पार्टी से टिकट की दावेदारी की थी। उन्हें टिकट नहीं मिला है। सच्चिदानंद शर्मा ने पार्टी से बगावत करके निर्दलीय दावेदारी ठोंकी थी लेकिन रविवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने उन्होंने नामांकन वापस लेने का एलान कर दिया। इससे क्षेत्र के चुनावी परि²श्य में बदलाव हो सकता है। उत्तराखंड समाज के कुछ संगठनों ने इंदिरापुरम, वसुंधरा, वैशाली व खोड़ा में बैठकों का दौर शुरू हो गया है। चुनाव को लेकर उसमें चर्चाएं हो रही हैं। हालांकि उन्होंने अब तक अपना पत्ता नहीं खोला है। राजनीति में सक्रिय भागीदारी : उत्तराखंड के लोगों की यहां की राजनीति में सक्रिय भागीदारी है। नगर निगम के 79 वार्ड से मीना भंडारी, शालीमार गार्डन से सुनीता रावत, लाजपत नगर से अनिल राणा पार्षद हैं। इसके पहले भी उत्तराखंड के लोग नगर निगम में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। यहां विभिन्न मुद्दों पर सक्रिय रहने वाले समाजिक संगठनों और रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन में भी उत्तराखंड के लोगों की महती भूमिका रहती है। चुनाव में भी यह लोग महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इस वजह से इन मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए सभी प्रत्याशी हर जुगत कर रहे हैं। इस लिहाज से माना जा रहा है कि उत्तराखंड के मतदाता चुनाव में किसी भी प्रत्याशी का पलड़ा भारी कर सकते हैं।