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बिजली में हुआ सुधार पर दिल्ली की सीमा पर जाम ने किया बेहाल

कई दिन बाद सोमवार को आकाश से बादल छंटे। हालांकि ठंडी हवा का सिलसिला बरकरार है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Jan 2022 09:42 PM (IST)Updated: Tue, 25 Jan 2022 09:42 PM (IST)
बिजली में हुआ सुधार पर दिल्ली की सीमा पर जाम ने किया बेहाल
बिजली में हुआ सुधार पर दिल्ली की सीमा पर जाम ने किया बेहाल

कई दिन बाद सोमवार को आकाश से बादल छंटे। हालांकि ठंडी हवा का सिलसिला बरकरार है। गुलाबी धूप निकली तो लोगों ने अपने घर से बाहर का रुख किया और जगह-जगह पार्कों में चौपाल लगी दिखाई दी। गुनगुनी धूप में सियासी गुफ्तगू का रंग चढ़ चुका था। गली-मोहल्ले के नुक्कड़ और चौराहों पर खड़े लोग सियासी बिसात बिछाकर विधायक चुन रहे थे। दिल्ली सीमा पर बसी कालोनियों में रहने वाले लोगों की राय शहर के अन्य लोगों से बिल्कुल जुदा थी। इन लोगों का एक पैर दिल्ली और दूसरा गाजियाबाद की धरती पर रहता है। कोई प्रदेश सरकार के काम से खुश है तो कोई नाराज नजर आ रहा था। दिल्ली सीमा पर रहने वाली अवाम के मुद्दों को जानने के लिए हमारे संवाददाता हसीन शाह रामपुरी पहुंचे। पेश है एक रिपोर्ट.. डेल्टा कालोनी दिल्ली सीमा पर बसी हुई है। इस कालोनी में सूर्यनगर, रामपुरी, चंद्रनगर, रामप्रस्थ, बृज विहार और राधाकुंज इलाका आता है। दिल्ली सीमा पर बसी इस कालोनी का नक्शा डेल्टा के आकार में है। इसी वजह से इसका नाम डेल्टा कालोनी पड़ा। दिल्ली से सटी होने के कारण इन कालोनियों के ज्यादातर लोग दिल्ली में नौकरी करते हैं। यहां से दिल्ली के बाजार नजदीक पड़ते हैं। लिहाजा ज्यादातर लोग दिल्ली के बाजारों से खरीदारी करते हैं। दोपहर 1:00 बजे रामपुरी कालोनी में चहल पहल थी। बच्चे पार्क में खेल रहे थे। बीच पार्क में कुर्सी पर लोग चौपाल लगाकर बैठे थे। बात पार्क की सुख-सुविधाओं से शुरू हुई तो चौपाल में कुर्सी पर बैठे एसके महेश्वरी ने कहा कि पूर्व में यह पार्क बदहाल था। अब पार्क गुलजार हो गया है। पहले बिजली आठ-आठ घंटे गुल रहती थी। अब 24 घंटे बिजली आती है। पास में बैठे सीए भूपेंद्र जैन ने कहा कि बिजली तो ठीक हो गई लेकिन पानी की बड़ी समस्या है। गंगाजल की आपूर्ति नहीं होती है। भूजल स्तर 220 फीट से नीचे पहुंच गया है। विधायक एक बार यहां आकर नहीं झांके हैं। इस तरह चर्चा ने सियासत की राह पकड़नी शुरू कर दी। जगन्नाथ तिवारी ने मुंह से मास्क हटाते हुए तेज आवाज में कहा कि इस सरकार के आने पर कानून व्यवस्था में बहुत सुधार हुआ है। उनके दावे को आगे बढ़ाते हुए विवेक बग्गा बोले यह बात बिल्कुल सच है। अब गुंडे प्रदेश छोड़कर भाग गए हैं। उनका परिवार पहले दिल्ली में रहता था। कानून व्यवस्था सुधरने के बाद हम दिल्ली से यहां आकर बस गए। इस पर किरण जेटली थोड़े गर्म हो गए और बोले कि यहां पर दो लाख की आबादी है और एक भी सरकारी विद्यालय नहीं है। निजी स्कूल व कालेजों की भरमार है। फीस इतनी महंगी है कि कोई गरीब परिवार अपने बच्चे को पढ़ा नहीं सकता। यहां पर ज्यादातर आर्थिक रूप से कमजोर लोग बच्चों को दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने के लिए भेजते हैं। इस पर लोगों तीखी बहस शुरू हो गई। उद्यमी मनमोहन राय ने कहा कि यहां पर सबसे बड़ी समस्या है कि दिल्ली के युवक-युवतियां यहां आकर शराब पीते हैं। दिल्ली में खुले में शराब पीने पर पुलिस सख्ती करती है। युवक हमारे पार्क में शराब के नशे में हुड़दंग करते हैं। सड़कों पर बड़ी संख्या में जेनरेटर लगे हुए हैं। लोगों ने सड़क पर बिल्डिग निर्माण सामग्री की दुकानें खोल दी हैं। जीतेश जैन ने कहा कि यहां पर सबसे बड़ी समस्या प्रदूषण की है। यातायात प्रबंधन ठीक नहीं होने के कारण जाम की स्थिति बनती है और सुबह-शाम प्रदूषण बढ़ जाता है। ज्यादातर लोगों ने एक राय होकर कहा कि प्रदेश सरकार ने काम तो किया है लेकिन इस बार मुद्दा पानी और प्रदूषण का है।

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